BBC Documentary Row: गुजरात दंगों पर BBC की ‘विवादित’ डॉक्यूमेंट्री का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर एक एनजीओ के द्वारा याचिका दायर की गई थी जिसपर आज कोर्ट ने सुनवाई की। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में बीबीसी को नोटिस जारी किया है। वहीं, इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर में तय की गई है। गुजरात की एक गैर सरकारी संगठन जस्टिस ऑन ट्रिला की ओर से बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। एनजीओ की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री ने भारत और न्यायापालिका सहित पूरी व्यवस्था को बदनाम किया है।
BBC Documentary Row:15 सितंबर को होगी सुनवाई
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर आज दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई की। याचिका में दावा किया गया है कि इस डॉक्यूमेंट्री ने भारत और इसकी न्यायापालिका के साथ-साथ पीएम मोदी की प्रतिष्ठा पर भी धब्बा लगाया है। वहीं, गुजरात की एक गैर सरकारी संगठन जस्टिस ऑन ट्रिला की ओर से दाखिल मानहानि की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने BBC को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस सचिन दत्ता की बैंच ने बीबीसी को नोटिस जारी कर मामले में सुनवाई की अगली तारीख 15 सितंबर तय की है।
मालूम हो कि हाल ही में दिल्ली की एक निचली अदालत ने BBC, विकिमीडिया फाउंडेशन और इंटरनेट आर्काइव को भी BJP के नेता के द्वारा दाखिल मानहानि वाली याचिका पर भी समन जारी कर चुकी है।
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद
आपको बता दें कि 2002 में गुजरात में हुए दंगे को लेकर बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसपर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी थी। यानी इसके प्रसारण को बैन कर दिया गया था। इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात में तत्कालीन बीजेपी सरकार और तब के सीएम नरेंद्र मोदी(अभी भारतीय प्रधानमंत्री) की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया गया था। डॉक्यूमेंट्री का बीजेपी सहित कई लोगों ने विरोध किया था। उनका आरोप था कि इस डॉक्यूमेंट्री में गलत तरीके से साक्ष्यों को दिखाया गया है।
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