Azam Khan: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक रहे आजम खान के हाथ से अब विधायिकी भी छिन गई है। उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधायिकी रद्द होने के बाद अब यूपी के राजनीतिक गलियारे में इन चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है कि आखिर अब अगला रामपुर का उत्तराधिकारी कौन होगा? बता दें कि बीते दिनो समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी ठहराया गया था। साल 2019 के हेट स्पीच मामले में गुरुवार को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया था। जिन धाराओं में आजम खान को दोषी करार दिया गया उनमें यह कहा जा रहा था कि उनकी विधायकी भी जा सकती है।
दरअसल, हेट स्पीज का ये मामला साल 2019 के चुनावों से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। इसकी शिकायत बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने की थी। इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएल कोर्ट ने 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया था।
Azam Khan: “हमारे खिलाफ फर्जी मुकदमा”
आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने कहा था कि हमने पूरी बहस कर ली है। जितने भी भाषण हैं, यह हमारे भाषण नहीं है। यह सब फर्जी तरीके से बनाए गए हैं। अभियोजन पक्ष अपना केस कोर्ट में साबित नहीं कर पाया है। अभियोजन और हमने अपनी बहस पूरी कर ली है। हमने जो पॉइंट्स उठाए थे। वह उसका स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। ऐसी कोई हेट स्पीच हमने नहीं दी है। हमारे खिलाफ फर्जी मुकादमा तैयार किया गया है।
बता दें कि तभी कहा जा रहा था कि जो भी तीनों धाराओं में अधिकतम सजा तीन साल की होती है, लेकिन अगर उन्हें दो साल से एक दिन ज्यादा की भी सजा होती है, तो उनकी विधानसभा से सदस्यता रद्द हो जाएगी। और अब ऐसा ही हुआ है। ऐसे में समाजवादी पार्टी के लिए संकट की स्थित पैदा हो गई है। आजम खान समाजवादी पार्टी के फाउंडर्स में से एक हैं और पार्टी के लिए एक बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं। अब निकाय चुनाव से पहले जनता के सामने जो संदेश गया है, वह पार्टी के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है।
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