Allahabad High Court ने कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई मां बेटी की मौत के मामले में सरकार से प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट ने कहा कि 2 सप्ताह के भीतर जांच कहां तक पहुंची है इसकी रिपोर्ट अदालत को तलब करे। अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी। बता दें कि यह आदेश जस्टिस मनोज कुमार व जस्टिस सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने दिया है।
अवनीश कुमार पांडे की याचिका पर हुई सुनवाई
बता दें कि यह आदेश जस्टिस एम के गुप्ता की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अवनीश कुमार पांडे की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया गया है। याचिका में कहा गया कि कोर्ट इस मामले में जारी जांच की मानिटरिंग करे। प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया किस शासन ने इस घटना के बाद तत्काल कार्रवाई की है। बताया गया कि अधिकारियों को निलंबित किया गया है। मामले में दोषियों के खिलाफ हत्या तथा हत्या के प्रयास की FIR भी दर्ज करा दी गई है। वहीं मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए दिया गया है।
क्या है मामला?
बता दें कि कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान मां-बेटी की मौत से पूरी यूपी की राजनीति गर्मा गई है। वहीं समाजवादी पार्टी इस पूरे मामले को हत्या बता रही है। वहीं घर के मुखिया कृष्ण गोपाल दीक्षित के दुखद तस्वीर ने सभी को हिला कर रख डाला है। उनकी झोपड़ी में लगी आग से जल रही पत्नी और बेटी को बचाने में नाकाम रहे कृष्ण गोपाल दीक्षित बेबस और कराहते नजर आए। अपनी लाचारी का भाव और बेटी-पत्नी की जान नहीं बचा पाने का दर्द उनके चेहरे पर साफ झलक रहा है। हालांकि इस घटना में वह भी बुरी तरह झुलस गए हैं। कानपुर देहात के थाना रूरा के मड़ौली गांव की है। यहां अतिक्रमण हटाने के लिए तहसील प्रशासन का अमला पहुंचा था। इसी दौरान कृष्ण गोपाल दीक्षित के परिजनों और प्रशासन के बीच नोंकझोंक हो गई। पुलिस के अनुसार झोपड़ी के अंदर उनकी पत्नी और बेटी बैठीं थीं, तभी अचानक प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया। इसी दौरान वहां अचानक आग भड़क उठी। जिसने देखते ही देखते विकराल रूप से लिया।
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