Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहकारिता विभाग भर्ती घोटाले में अब एसआईटी जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने सहकारी संस्थागत सेवामंडल के पूर्व चेयरमैन ओंकार यादव एवं सचिव भूपेन्द्र विश्नोई सहित कई आरोपियों पर की जा रही एसआईटी जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही एस आई टी प्रभारी को भी हाजिर होने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने एसआईटी को अपनी रिपोर्ट 29 सितम्बर को प्रस्तुत करने कहा है। यह जांच सहकारी संस्थागत सेवामंडल के पूर्व चेयरमैन ओमकार यादव एवं सचिव भूपेन्द्र विश्नोई सहित कई आरोपी नौकरशाहों के खिलाफ चल रही है।
बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने महेश्वरी प्रसाद राय की याचिका पर दिया है। याचियों के खिलाफ 20 मई 2021 को आईपीसी की धारा 420, 467, 468,471, 201, 204 एवं 120 बी के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसमें कोर्ट ने रिपोर्ट के साथ एसआईटी प्रभारी को भी तलब किया है।
Allahabad High Court: क्या है मामला?
दरअसल, सहकार भारती के पूर्व महामंत्री वीरेन्द्र पांडेय की शिकायत पर यह मामला सामने आया है। जिसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कराई गई एसआईटी जांच मे 2300 भर्तियों में घोटाले का खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में यूपी सहकारी संस्थागत सेवा मंडल द्वारा सहकारिता विभाग की संस्थाओं जैसे यूपी कोऑपरेटिव बैंक, यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक, जिला सहकारी बैंकों, पीसीसीएफ एवं उत्तर प्रदेश राज्य भंडारागार निगम में हुई 2300 भर्तियों में घोटाले का खुलासा हुआ है।
इसमेंअभ्यर्थियों की ओ एम आर (Optical mark recognition) शीट में बडे़ पैमाने पर हेराफेरी की गई है। साथ ही भर्ती परिणाम प्रभावित करने का भी आरोप लगा है। एसआईटी ने जांच कर सेवामंडल के तत्कालीन चेयरमैन ओंकार यादव, रामजतन यादव सचिव भूपेन्द्र विश्नोई, तत्कानीन प्रबंध निदेशक यूपी कोऑपरेटिव बैंक आरके सिंह सहित दर्जनों विभागीय अधिकारियों के खिलाफ 20 मई 2021 को केस दर्ज कराया था। अभी तक मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है। इस पर याचिका दाखिल की गई और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मांग की गई है।
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