Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 मार्च से आयोजित पीसीएस मेंस में प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज के पद पर आवेदन करने वाले पूर्व सैनिक को शामिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में लोक सेवा आयोग एवं अन्य पक्षकारों से जवाब भी तलब किया है। ये आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने पूर्व सैनिक हरेंद्र सिंह की याचिका पर दिया है।
Allahabad HC: अनुभव प्रमाण पत्र स्वीकार नहीं किया
याची के वकील का कहना था, कि याची ने पीसीएस भर्ती के तहत प्रधानाचार्य राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज के लिए आवेदन किया था। प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने के बाद उसने मुख्य परीक्षा के लिए फार्म भरा, जिसमें 3 वर्ष के अध्यापन का अनुभव प्रमाण पत्र भी संलग्न करना था। याची के पास अन्य संस्थाओं में पढ़ाने के साथ नौसेना में पढ़ाने का भी अनुभव प्रमाण पत्र है, लेकिन आयोग ने उसे स्वीकार नहीं किया और याची को मुख्य परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी नहीं किया गया।
दूसरी तरफ लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता का कहना था की याची के पास नौसेना में पढ़ाने का प्रमाण पत्र इंस्ट्रक्टर का है, न कि अध्यापन का। कोर्ट ने प्रमाण पत्र के अवलोकन के बाद कहा कि याची के पास इंस्ट्रक्टर/टीचिंग अनुभव प्रमाण पत्र है। इसे क्यों स्वीकार नहीं किया गया? इस पर आयोग के अधिवक्ता ने आश्वासन दिया कि याची को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पक्षकारों को इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए याची को 23 मार्च से होने वाली पीसीएस मुख्य परीक्षा में सम्मिलित करने का निर्देश दिया।
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