Allahabad HC: कोरोना मृतक आश्रित की नियुक्ति का मामला, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Allahabad HC: एक महीने 10 दिन काम करने के बाद जिला पंचायती राज अधिकारी ने यह कहकर याची की नियुक्ति निरस्त कर दी कि शासनादेश के क्रम में ग्राम पंचायत लौदखुर्द में ग्राम प्रधान की अनारक्षित सीट पर केवल सामान्य जाति को ही नियुक्ति दी जा सकती है।

0
141
Allahabad HC
Allahabad HC

Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड 19 के मृतक आश्रितों को नौकरी देने के शासनादेश की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।याची का कहना है कि ग्राम प्रधान की सामान्य सीट के कारण सामान्य श्रेणी की नियुक्ति की जा रही है। जोकि संविधान के समानता के अधिकार का उल्लंघन है।

आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला एवं न्यायमूर्ति विकास बधवार की खंडपीठ ने आरती सिंह की याचिका पर दिया।याची के वकील सुनील चौधरी ने कोर्ट को बताया कि पिछड़ी जाति की याची के पति की कोविड 19 से मृत्यु हो गई थी।

Allahabad HC
Allahabad HC

Allahabad HC: जिला स्तरीय कमेटी की संस्तुति पर हुई थी नियुक्ति

Allahabad HC
Allahabad HC

सरकार ने कोरोना काल मे कोविड 19 के मृतकों के आश्रितों के लिए 58,189 वैकेंसी निकाली। इसमें याची की ओर से आवेदन करने पर डीएम प्रयागराज की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कमेटी की संस्तुति पर याची की नियुक्ति की गई।

एक महीने 10 दिन काम करने के बाद जिला पंचायती राज अधिकारी ने यह कहकर याची की नियुक्ति निरस्त कर दी कि शासनादेश के क्रम में ग्राम पंचायत लौदखुर्द में ग्राम प्रधान की अनारक्षित सीट पर केवल सामान्य जाति को ही नियुक्ति दी जा सकती है। 27 जुलाई 2021 के शासनादेश के पैरा 13 में कहा गया है कि सामान्य श्रेणी की ग्राम पंचायतों में कोविड 19 की वजह से हुई मृत्यु का लाभ सामान्य श्रेणी के परिवार को ही दिया जाएगा।

वकील सुनील चौधरी ने यह भी बताया कि शासनादेश में पिछड़ी एवं अन्य जाति के लिए कोविड से मृतक वारिसों के लिए कोई प्रावधान नहीं है जबकि ग्राम लौदखुर्द में सामान्य सीट पर पिछड़ी जाति का प्रधान है।ऐसे में शासनादेश अवैध है और संविधान के अनुच्छेद 14 के समानता के अधिकार के विपरीत है।

संबंधित खबरें