Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि आत्महत्या मामले की सुनवाई की। जेल में बंद उनके शिष्य आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर शिकायतकर्ता को जवाब दाखिल करने का समय दिया। अर्जी को सुनवाई के लिए 26 मई को पेश करने का निर्देश दिया है। ये आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर दिया। गिरि का कहना है कि वे निर्दोष हैं।उसे इस घटना में फर्जी फंसाया गया है।

Allahabad HC: Anand Giri खुद को बेकसूर बता रहा है
Anand Giri का कहना है कि उसे जानबूझकर फंसाया जा रहा है। तीन दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई के बाद सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। कोर्ट ने पहली बार तीन हफ्ते का समय दिया था। सोमवार को एक बार फिर सीबीआई के अधिवक्ता संजय कुमार यादव की मांग पर दो हफ्ते का समय दे दिया।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महंत नरेंद्र गिरि केस में 3 दिसंबर को सुनवाई करते हुए गिरफ्तार आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर CBI से 4 हफ्ते में जवाब मांगा था। कोर्ट में सुनवाई न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने आनन्द गिरी उर्फ अशोक कुमार चोटिया की जमानत अर्जी पर की थी। अर्जी पर अधिवक्ता विनीत विक्रम, इमरानुल्ला खान व CBI की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने बहस की।

Allahabad HC: बाघंबरी मठ में पंखे से लटके मिले थे महंत नरेंद्र गिरि

बीते 20 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad ) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी और उनका शव उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ के कमरे में पंखे से लटका मिला था।
महंत नरेंद्र गिरि के शव के पास मिले सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि (Anand Giri) समेत कई लोगों के नाम थे। नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट के साथ एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें उन्होंने आनंद गिरि का नाम लिया है साथ ही सुसाइड नोट में लिखी बातों को विस्तार में बताया है।
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