Adani Hindenburg Row: भारतीय कारोबारी अडानी की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 10 फरवरी को सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निवेशकों को हुए करोड़ों रुपए के नुकसान को लेकर चिंता जाहिर की। इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार 13 फरवरी को होनी है।
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील विशाल तिवारी ने जांच के लिए कमेटी के गठन की मांग की। उन्होंने कहा कि निवेशकों का बड़ा नुकसान हुआ है और यह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद हुआ। ऐसे में अदालत को हस्तक्षेप कर जांच कराई जानी चाहिए।
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Adani Hindenburg Row: निवेशकों के नुकसान पर कोर्ट ने जताई चिंता
Adani Hindenburg Row: CJI की अध्यक्षता वाली बेंच में सॉलिसीटर जनरल (SG) ने कहा कि इस पूरे मामले में SEBI की भूमिका और पक्ष अहम होने की वजह से शीर्ष पर है। निवेशको के हितों की चिंता करते हुए CJI ने SEBI से पूछा कि कैसे भारतीय इन्वेस्टर की रक्षा की जाए? CJI ने यह भी कहा कि सरकार के कार्यक्षत्र में हस्तक्षेप नहीं चाहते है। इसीलिए इस मामले को ब्रॉड आस्पेक्ट में देखने की जरूरत है। CJI ने कहा कि जो रिपोर्ट आ रही है कि इन्वेस्टरो का लाखों करोडों का नुकसान हुआ है। यह चिंता का विषय है कि हम भारतीय निवेशकों के लिए सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं? यहां जो हुआ वह शॉर्ट सेलिंग था। इसकी भी जांच की जरूरत हैं।
CJI ने SG से भविष्य में ऐसा न हो यह सुनिश्चित करने के लिए सुझाव भी मांगे। साथ ही CJI ने यह भी कहा कि आप कॉमोडिटी में रोक लगा दे या क्या उपाय है।
SG ने जबाव देते हुए कहा कि ट्रिगर प्वाइंट यह है कि रिपोर्ट बाहर की है और हमारा उस पर कोई नियंत्रण नहीं है।
Adani Hindenburg Row: CJI ने SEBI से कहा कि तमाम मामलों की सुनवाई का अनुभव होने से हम इन मामलों के बारे में जानते समझते हैं। सिर्फ 3 से 4 मिनट में शेयरों की कम बिक्री के कारण बाजार में शेयरों की संख्या कम हो जाती है और उसकी वजह से शेयर खरीदने वाले को नुकसान उठाना पड़ता है। CJI ने कहा ने कहा कि इस पर कुछ थॉट प्रोसेस होना चाहिए और जरूरी लगे तो कानूनी और रेगुलेटरी बदलाव होने चाहिए। ऐसा तंत्र होना चाहिए कि भविष्य में ऐसा नहीं होने पाए हो।
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Adani Hindenburg Row: CJI ने कहा कि SEBI के जवाब और विशेषज्ञों की राय शामिल कि जाए जिससे भारतीय निवेशकों को कैसे संरक्षित किया जाए। क्योंकि यह 1990 का दौर नहीं है और समय बदल चुका है। सभी लोग बड़े निवेशक नहीं हैं, छोटे भी हैं और उनका संरक्षण जरूरी है। कोर्ट ने सुझाव दिया कि वित्त मंत्रालय की ओर से भी इस पर जवाब होना चाहिए। कोर्ट ने आदेश में कहा कि SG ने अदालत को भरोसा दिलाया कि भारतीय निवेशकों के हितों कि रक्षा के लिए तंत्र तैयार किया जाएगा।
साथ ही नियामक को मजबूत करने के लिए अदालत आगे सुनवाई करेगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि SG ने कहा कि SEBI नजर बनाए हुए है और निगरानी कर रही है। कोर्ट ने कहा कि सरकार इस पर अपने सुझाव दे।
Adani Hindenburg Row: CJI ने कहा कि टैक्स के दौर में यह जरूरी है कि लोगों के सेंटीमेंट का ख्याल रखा जाए। वकील विशाल ने कहा कि यह बहुत गंभीर मसला है। अडानी समूह के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया है। CJI ने कहा कि हम आपकी याचिका को बड़े विस्तार से देख रहे हैं। हम सरकार के जानना चाहेंगे कि स्टॉक मार्केट के लिए रेगुलेटिंग मैकेनिज्म को दुरुस्त किये जाने की जरूरत है। CJI ने कहा हम इस मामले में एक कमिटी गठित करने पर विचार कर सकते हैं जो यह देखे कि क्या इस मामले में कोई क़ानून बनाया जा सकता है?
Adani Hindenburg Row: कोर्ट ने कहा कि हमें पता है कि हम कुछ भी बोलेंगे उसका असर स्टॉक मार्केट पर होगा। इसलिए सावधानी बरत रहे हैं। वहीं वकील एमएल शर्मा ने अपने मामले पर कहा कि इस मामले में SEBI की पूरी गलती है। CJI ने कहा कि हमने याचिकाओं के दायरे को बढ़ाया है। आप भी यही चाहते हैं कि निवेशकों का हित संरक्षित रहे और हम उसी दिशा में काम करेंगे। इस मामले में 13 फरवरी को अगली सुनवाई की जाएगी।
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