Adani Hindenburg Case: अडानी हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट में 15 मई को सुनवाई होनी है। कोर्ट में इससे पहले 12 मई को इम मामले में सुनवाई हुई थी। जिसमें सेबी (SEBI) ने अपनी जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा था। जांच के लिए समय बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर सेबी ने कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें अडानी समूह की जांच की बात को पूरी तरह से आधारहीन बताया गया है।

Adani Hindenburg Case: SEBI ने दाखिल किया जवाबी हलफनामा
Adani Hindenburg Case: हिंडनबर्ग मामले में कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी और दो महीने के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। फिलहाल अडानी हिंडेनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले सेबी ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि अडानी समूह के खिलाफ शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की जांच के लिए समय विस्तार की आवश्यकता है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा था कि वह जांच पूरी करने के लिए सेबी द्वारा मांगी गई छह महीने की मोहलत नहीं दे सकती।
SEBI ने अडानी समूह को लेकर कहा है कि जिन 51 कंपनियों की जांच 2016 से हुई उनमें एक भी अडानी समूह की लिस्ट कंपनी नहीं थी। अडानी समूह की किसी भी कंपनी के खिलाफ जांच की बात आधारहीन है।
SEBI का कहना हैं कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जिन 12 संदेहास्पद लेन देन का जिक्र हुआ है। वो काफी जटिल हैं और वो दुनिया के कई देशों से जुड़ी है। उन लेनदेन से जुड़े आंकड़ों की जांच करने में काफी समय लगेगा। ऐसे में जांच के लिए 6 महीने का समय मांगने के पीछे उद्देश्य निवेशकों और सिक्योरिटी मार्केट के साथ न्याय किया जा सके।अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह पर “दशकों के दौरान स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी” का आरोप लगाया था।
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