Geetanjali Shree: भारतीय साहित्य जगत में 27 मई को एक नया इतिहास रचा गया है। भारतीय हिन्दी साहित्य की लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास “रेत समाधि” को 27 मई को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार बुकर प्राइज (Booker Prize) से सम्मानित किया गया है। इस पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है जो एक अमेरिकन लेखिका और चित्रकार हैं। “रेत समाधि” के अंग्रेजी अनुवाद वाले नॉवल का नाम “Tomb Of Sand” है।
कौन हैं Geetanjali Shree?
गीतांजलि श्री का असली नाम गीतांजलि पांडे है लेकिन उन्होंने अपने नाम के पीछे श्री अपनी मां के याद में लगाया है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हुआ है। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के Lady Shree Ram College से की है और JNU से इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन की है। अब तक उन्होंने कई लघु कथाएं लिखी हैं और 5 उपन्यास भी लिखे हैं। उन्होंने हिन्दी साहित्य के लेखक प्रेमचंद पर आलोचनात्मक लेख भी लिखा है। उनके लेखन में स्पष्टवादिता और अभिव्यक्ति का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।
Geetanjali Shree का साहित्यिक योगदान
गीतांजलि श्री की पहली कहानी “बेलपत्र” और इसके बाद की दो कहानियां हंस में प्रकाशित की गई थीं। इनके प्रसिद्ध कहानी संग्रह में अनुगूंज, मार्च मां और साकुरा, वैराग्य, यहां हाथी रहते थे और प्रतिनिधि कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके साथ ही गीतांजलि के 5 उपन्यास माई, हमारा शहर उस बरस, तिरोहित, खाली जगह और रेत समाधि प्रकाशित हुए हैं। इनका उपन्यास “माई” का अंग्रेजी अनुवाद “Crossward Award” के अंतिम चरण तक पहुंच गया था। वहीं, इनका उपन्यास “खाली जगह” का अंग्रेजी, जर्मन और फ्रेंच में अनुवाद किया गया है।
Geetanjali Shree को कई पुरस्कारों से किया गया है सम्मानित
गीतांजलि श्री ने “इंदु शर्मा कथा सम्मान”, दिल्ली साहित्य अकादमी से 2001 में साहित्यकार सम्मान, 1994 में यू के साथ, जापान फाउंडेशन के साथ-साथ भारतीय संस्कृति मंत्रालय से फेलोशिप हासिल की है। वहीं, आज भारतीय भाषा में बुकर प्राइज जीतकर गीतांजलि श्री के उपन्यास “रेत समाधि” ने इतिहास रच दिया है।
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