Book Review: रोटी और इंसान के बीच का रिश्ता बेहद गहन है।दुनियाभर में आज भी बड़ी तादाद ऐसे लोगों की है जो भूखे पेट ही सोते हैं। जन्म लेते ही मनुष्य अपनी भूख भी साथ ही लेकर आता है। एक इंसान, भूख और भुखमरी से जुड़ी कई बातों का निचोड़ है पुस्तक कोर्ट्स एंड हंगर। भूख किसी भी इंसान के जिंदा होने का सबूत होती है, लेकिन जब भूख ही हवस का रूप लेने लगे तो बात बिगड़ जाती है। लेखक ने अपनी किताब में इसी बात को समझाने का प्रयास किया है।विकास के तमाम दावों के बावजूद असमानता आज की दुनिया का सच है।
Book Review: भूख के प्रभाव का जवाब खोजने की कोशिश
इस पुस्तक को सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वकील संजय पारिख ने लिखा है। जिसमें लेखक भूख और उसके प्रभावों से उत्पन्न सवालों के जवाब जानने का भरपूर प्रयास करता है।यही नहीं लेखक खांटी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी खास पहचान रखते हैं।ऐसे तमाम मुददे जिनपर सुनवाई नहीं होती।उन्हें सरकार और न्यायालय तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।किताब में भूख और भुखमरी के लिए सुर्खियां बटोरने वाले ओडिशा का जिक्र है।जिसमें कालाहांडी, बलांगीर, कोरापुट में भुखमरी के खिलाफ लोगों की आवाज को उठाने का भरसक प्रयास किया गया है।
Book Review: भुखमरी खत्म करने पर सरकार के दायित्व पर उठाए सवाल
इस किताब के माध्यम से लेखक ने देश में भुखमरी खत्म करने को लेकर सरकार के दायित्वों पर भी सवाल उठाने की कोशिश की है। यही नहीं जनता के हित में न्यायालयों की भूमिका पर भी गंभीरता के साथ सवाल उठाए हैं। वाणी बुक कंपनी, नई दिल्ली ने इसे प्रकाशित किया है। इसका मूल्य 200 रुपये निर्धारित किया है।
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