Book Review: सबसे ऊंची और सुंदर उड़ान होती है कवि की कल्पनाओं की।यही वजह है कि एक कवि दुख में सुख देख सकता है।एकांत उसे कदापि नहीं डराता। कवि को उसका एकांत हमेशा कुछ अलग और रचनात्मक करने के लिए प्रेरित करता है।हिंदी कविता प्रेमियों के लिए मशहूर बांग्ला लेखिका जोशना बैनर्जी आडवाणी की लिखित कविता संग्रह बेहतर हो सकते हैं। उनके काव्य संग्रह अंबुधि में पसरा है आकाश के जरिए उन्होंने पाठकों को यही बात समझाने की पुरजोर कोशिश की है। इनके कविता संग्रह में मानव जीवन के मूल्यों, सुख-दुख, व्यथा-कथा के कई पहलु नजर आते हैं, जोकि बेहद सुंदर तरीके से कविता की पंक्तियों में पिरोये गए हैं।
Book Review: बंगाल की संस्कृति की दिखती है झलक
बांग्ला भाषी कवयित्री के हिंदी काव्य संग्रह में बंगाल की मिटटी, वहां की संस्कृति और तहजीब यानी हर तरह के रंग देखने को मिलेंगे।कवयित्री हिंदी में कविता लिखने के दौरान भी अपने बंगाल प्रेम और कला को नहीं भूलीं हैं।यही वजह है कि उनकी कविताओं के कई पात्रों में ये रंग साफ नजर आता है।
Book Review: 6 खंडों में संकलित हैं कविताएं
कवयित्री ने अपनी पुस्तक में संकलित कविताओं को 6 खंडों प्रेम में मात्र प्रेम ही किया से लेकर एक शिरोई लिली पुष्प बन जाऊं तक में बांटा है। इन कविताओं में कवयित्री अपने एकांत को ईश्वर का आशीर्वाद मानते हुए एक ऐसी दुनिया रचती दिखती है।जहां जीवन के सुख-दुख के साथ-साथ व्यवस्था के प्रति आक्रोश भी दिखता है। लेकिन इसमें किसी प्रकार का पूर्वाग्रह नहीं झलकता।
- पुस्तक : अंबुधि में पसरा है आकाश
- लेखिका: जोशना बैनर्जी आडवाणी
- प्रकाशन : वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली
- मूल्य: 399 रुपये
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