सोमवार को योगी सरकार ने 6 महीने पूरे होने पर श्वेत पत्र जारी किया। इस उपलक्ष्य में सीएम योगी ने अपने 6 महीने के कार्यकाल के काम गिनाने के साथ ही अखिलेश सरकार में हुए भ्रष्टाचार, लापरवाही, गुंडागर्दी को भी बताया। सीएम योगी ने कहा कि जनता को सरकार के काम को जानने का हक है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में सरकारी उपक्रमों में 91000 करोड़ का घाटा हुआ है। इसके साथ ही सीएम योगी ने अखिलेश सरकार को जनविरोधी, गैरजिम्मेदार,और भ्रष्ट बताया। उन्होंने पिछले 10 वर्षों का आकड़ा भी जनता के सामने पेश किया है जिसमें पिछली सरकारों में हुए भ्रष्टाचार, लापरवाही आदि का लेखाजोखा है।

इस प्रेस कांफ्रेंस में योगी आदित्यनाथ ने अपने भविष्य के कार्यों के बारे में मीडिया को नहीं बताया लेकिन उन्होंने अपने 6 महीने के कार्यों का लेखा-जोखा को मीडिया के सामने पेश किया। हालांकि ये जरूर है कि इन 6 महीनों में सिर्फ किसान ऋण माफी को छोड़ सरकार के तरफ से कोई भी बड़ा ऐलान नहीं किया गया है। उसमें भी अधिकारियों द्वारा लापरवाही देखी गई है। सीएम योगी का ये कांफ्रेंस मुख्य रूप से विपक्षियों के लिए था। उन्होंने मायावती सरकार से लेकर अखिलेश सरकार के कार्यों का विवरण पेश किया। उन्होंने पिछली सरकारों द्वारा किए गए कार्यों को कारनामा बताया और कहा कि पिछली सरकार जनविरोधी सरकारें थी।

प्रेस कांफ्रेंस में सीएम योगी ने विपक्षियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने असामाजिक तत्वों और भ्रष्टाचारियों को प्रश्रय दिया है जिससे यूपी में भय और अराजकता का माहौल था। उन्होंने कहा कि छह महीनों से भाजपा की सरकार काम कर रही है। जनता के प्रति जवाबदेही हमारा कर्तव्य है और इसी कर्तव्य का नतीजा है कि हमनें छह महानें बाद पिछली सरकारों और अपनी सरकारों (6 महीने) का लेखाजोखा पेश किया है।

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