कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद बहुमत साबित करने को लेकर मच रहे घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। एक तरफ जहां कल अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को बदलते हुए बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन की जगह सिर्फ 28 घंटे की मोहलत दी तो वहीं आज (शनिवार) सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को झटका देते हुए एक और ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर के.जी बोपैया द्वारा ही बहुमत परीक्षण कराने का आदेश दिया। इसके साथ ही अब बहुमत परीक्षण का लाइव टेलीकास्ट भी होगा। लाइव टेलीकास्ट को कांग्रेस ने अपनी जीत बताया है। कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लाइव टेलीकास्ट से पारदर्शिता आएगी और ये उनकी जीत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बोपैया ही प्रोटेम स्पीकर बने रहेंगे। बोपैया ही बहुमत परीक्षण कराएंगे।
बहुमत परीक्षण को लेकर कर्नाटक के कई जगहों पर 144 धारा भी लगा दी गई है ताकि किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन या अराजकता को रोका जा सके। बता दें कि बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। आज इसी पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस बोबडे ने टिप्पणी की और कहा कि ‘ऐसे भी कई उदाहरण हैं जहां वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाया गया।’ कपिल सिब्बल ने ये भी कहा कि बात सिर्फ वरिष्ठतम की नहीं है, बल्कि पुराने इतिहास की भी है, ऑपरेशन लोटस की बात है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर प्रोटेम स्पीकर में बदलाव हुआ तो आज बहुमत परीक्षण कराना टालना पड़ सकता है।
बता दें कि बीजेपी के पास अभी 104 सीटें हैं और उन्हें बहुमत के लिए 8 विधायकों की जरुरत है। ऐसे में बीजेपी की नजरें अब अन्य की सीटों पर हैं जिनमें से एक का समर्थन बीजेपी को मिलता दिखाई दे रहा है। इस प्रकार बीजेपी की कुल सीट 105 हो जाती है लेकिन फिर भी 7 विधायकों की दरकार होगी। वहीं, कांग्रेस के 4 विधायक अभी भी लापता बताये जा रहे हैं। इन विधायकों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि ये बीजेपी के संपर्क में हैं। जबकि बीजेपी का दावा इससे अधिक का है और कांग्रेस-जेडीएस के करीब 10 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है।