West Bengal के जलपाईगुड़ी में एक मस्जिद ने ऐसी शानदार मिसाल पेश की है, जिससे पूरे देश की हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं को सीख लेने की जरूरत है।
यह मस्जिद बच्चों की पढ़ाई के समय azan के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करता है क्योंकि इससे बच्चों की पढ़ाई कुछ देर के लिए प्रभावित होती है।
हमारे देश में या फिर विदेशों में भी अक्सर इस बात पर बहस होती है कि क्या मस्जिदों में नमाज के वक्त लाडस्पीकर का इस्तेमाल बेहद जरूरी होता है।
दुनिया के तमाम मुस्लिम देश मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटा रहे हैं
वहीं दुनिया के तमाम मुस्लिम देश भी मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर पुराने नियमों से बाहर आ रहे हैं और अपने यहां मस्जिदों में लाडस्पीकर के जरिये अजान को बंद कर रहे हैं। इसी तरह का एख उदा़हरण पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है।
यहां की एक मस्जिद ने अपनी स्वेच्छा से पहल की और बच्चों की पढ़ाई में बाधा न पहुंचे इसलिए अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं करता है। इस मामले में स्कूल के शिक्षक इंद्रनील साहा ने बताया, “स्थानीय लोगों ने काफ़ी सहयोग किया है। पढ़ाई में किसी भी तरह की बाधा ठीक नहीं इससे बच्चों का ध्यान भी भटकता है।”
गौरतलब है कि भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के कई देशों में मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर अब उतरने लगे हैं। इसी क्रम में सऊदी अरब के इस्लामिक धर्मगुरुओं ने पिछले दिनों लाउडस्पीकर की आवाज कम रखने का आदेश सुनाया है। इस विषय पर जानकारी देते हुए सऊदी अरब में इस्लामिक मामलों के मंत्री डॉक्टर अब्दुल लतीफ़ बिन अब्दुल्ला अज़ीज़ अल-शेख ने बताया था कि यह अब जरूरी हो गया है और हमने अपने देश में बीते मई से मस्जिदों में लाडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।