शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक बार फिर सुन्नी समुदाय के खिलाफ तीखी टिप्पणी की है। बोर्ड के चेयरमैन ने सुन्नी समुदाय पर अपनी जमीनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। इसके साथ ही अब शिया बोर्ड वक्फ की संपत्ति के सुन्नी किराएदारों के साथ हुए सभी तरह के अनुबंध को खत्म करने की तैयारी में है। इसके अलावा शिया बोर्ड ने कमिटियों को एक नोटिस जारी कर आगे से वक्फ बोर्ड की कोई भी जमीन सुन्नी समुदाय को न दिए जाने का निर्देश दिया है।

शिया वक्फ बोर्ड की ओर से जारी नोटिस में यह साफ निर्देश दिया गया है कि शिया वक्फ संपत्ति पर ऐसे सुन्नी मुसलमान जो समाज, वक्फ और राष्ट्र के लिए खतरा हैं, उनकी किराएदारी वक्फ संपत्ति पर न की जाए। साथ ही 3 महीन के भीतर शिया बोर्ड ने ऐसे सभी किराएदारों की सूची भी मांगी है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि ऐसा नहीं करने पर प्रबंध कमिटी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

शिया वक्फ बोर्ड की ओर से जारी नोटिस में लिखा है, कि ‘बोर्ड की संपत्तियों पर काबिज ऐसे मुसलमान जो शिया मुसलमानों की आस्था का सम्मान नहीं करते, भारत के संविधान में विश्वास नहीं करते और जो बिना कारण जेहाद में आस्था रखते हैं, उनके कारण देश में आपसी भाईचारे में खतरा पैदा हो रहा है। बोर्ड ने कहा है कि ऐसे सुन्नी मुसलमान जो शिया वक्फ की संपत्ति के किराएदार हैं, उनकी किराएदारी तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए।’

वसीम रिजवी ने सुन्नी समुदाय के खिलाफ इस कड़े कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘हमें यह जानकारी मिली है कि सुन्नी समुदाय के लोग बोर्ड की जमीनों का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह हमारी जमीन है, ऐसे में इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी है।’

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