Varun Gandhi: लखमीपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) मामले में भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) द्वारा किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए शिवसेना (Shivsena) ने सोमवार को बीजेपी नेता की तारीफ की। पार्टी ने कहा कि सभी किसान संगठनों को इस मुद्दे पर वरुण गांधी के रुख की सराहना करते हुए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में यह भी पूछा गया कि क्या उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई ‘भयावह’ घटना को देखने के बाद क्या अन्य भाजपा सांसदों का खून नहीं खौला?
मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में हुए लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे। चार किसानों की मौत पर किसान नेताओं की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी जबकि विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और यूपी सरकार पर हमला बोला था। सामना में लिखा गया, “देश दुश्मनी फैलाने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं कर सकता। वरुण गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी के पोते और संजय गांधी के बेटे हैं। लखमीपुर की दहशत देखकर उनका खून खौल उठा और उन्होंने अपनी राय जाहिर की।”
मराठी अखबार ने कहा कि वरुण गांधी ने बिना किसी परिणाम के बारे में सोचे-समझे राजनीतिक साहस दिखाया और किसानों की हत्या की निंदा की। पत्र में लिखा गया, “किसान नेताओं को वरुण गांधी की सराहना करते हुए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए।” बता दें कि 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर लंबे समय से सहयोगी रहे भाजपा और शिवसेना अलग हो गए थे।
संपादकीय में कहा गया है कि राज्य में सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस द्वारा सोमवार को आहूत ‘महाराष्ट्र बंद’ उन लोगों के लिए है जो अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त नहीं कर सकते। वरुण गांधी ने रविवार को लखीमापुर खीरी की घटना को “हिंदू बनाम सिख लड़ाई” में बदलने के प्रयासों के खिलाफ चेतावनी दी थी। पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी को हाल ही में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया गया था।
फिलहाल लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने शनिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया। विदित हो कि वरुण गांधी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के प्रति सहानुभूति रखते हैं और अक्सर उनके समर्थन में ट्वीट करते हैं।