इंडिगो में जातिगत भेदभाव का मामला: ट्रेनिंग पायलट की शिकायत पर कैप्टन सहित तीन पर एफआईआर दर्ज

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इंडिगो में जातिगत भेदभाव का मामला
इंडिगो में जातिगत भेदभाव का मामला

हरियाणा के गुरुग्राम में इंडिगो एयरलाइंस के एक ट्रेनी पायलट द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद कंपनी के एक कैप्टन सहित तीन वरिष्ठ कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने पायलट के साथ लगातार जाति आधारित भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार किया। मामला तब प्रकाश में आया जब एक मीटिंग के दौरान पीड़ित को कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से नीचा दिखाया गया।

क्या हैं आरोप?

पीड़ित पायलट का कहना है कि उसे बार-बार जातिगत टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। आरोप है कि बिना किसी स्पष्ट गलती के उसके खिलाफ चेतावनी पत्र (Warning Letter) जारी किए गए, वेतन में कटौती की गई, मेडिकल लीव को लेकर भेदभाव हुआ और स्टाफ यात्रा भी रद्द कर दी गई। साथ ही, उस पर नौकरी छोड़ने का दबाव भी बनाया गया।

पायलट ने जिन लोगों पर आरोप लगाया है, उनमें तपस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल शामिल हैं। उसके अनुसार, इन अधिकारियों ने भरी मीटिंग में ताने मारे कि वह विमान उड़ाने लायक नहीं है और उसे जूते बनाने का काम करना चाहिए।

पहले कंपनी से की थी शिकायत, फिर पुलिस का रुख किया

पीड़ित ने इस मामले की शिकायत पहले इंडिगो के सीईओ और एथिक्स कमेटी से की थी, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने पुलिस की मदद लेने का फैसला किया। कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में जीरो एफआईआर दर्ज कर उसे गुरुग्राम स्थानांतरित किया, जहां DLF फेस-1 थाने में मामला दर्ज हुआ है।

कौन हैं पीड़ित?

शिकायतकर्ता की उम्र 35 वर्ष है और वह द्रविड़ समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वे वर्तमान में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के शोभा सिटी सेंटोरिनी में रहते हैं और इंडिगो एयरलाइंस में कार्यरत हैं। शिकायत में शामिल गंभीर आरोपों में यह भी कहा गया कि वरिष्ठ अधिकारी ने यह तक कह दिया कि, “तुम यहां चौकीदार बनने लायक भी नहीं हो।”

एयरलाइन की चुप्पी

इस पूरे घटनाक्रम पर इंडिगो एयरलाइंस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।