उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जबसे कुर्सी संभाली है, राज्य में अपराध और बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्राथमिकताएं तय कर दी हैं। सबका साथ सबका विकास के तहत योगी सबको सस्ती दरों पर बिजली देने की बात आए दिन करते भी रहे हैं। इसके तहत गरीबों के घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए ‘सौभाग्य योजना’ लाई गई थी। इसी ‘सौभाग्य योजना’ के तहत रविवार को पूरे उत्तर प्रदेश में मेगा शिविर लगाकर 1.38 लाख लोगों को बिजली कनेक्शन दिए गए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उन्नाव में ‘सौभाग्य प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना’ की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली संकट पूर्ववर्ती सरकारों की देन है। रविवार को ग्रामीण उपकेंद्रों पर 2665 शिविर लगाकर आर्थिक व सामाजिक तौर पर कमजोर परिवारों को निशुल्क कनेक्शन दिए गए। अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रुपये की 10 मासिक किस्तों पर कनेक्शन दिए गए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में बिजली संकट के लिए सीधे तौर पर सपा, बसपा व कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बिजली समस्या पर इन सरकारों की अनदेखी नासूर बन गई।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिले के ऊर्जीकृत हो चुके 947 मजरों की पुस्तिका का भी लोकार्पण किया। इसके अलावा 1207 करोड़ की लागत से हापुड़, पीलीभीत, रामपुर, मुजफ्फरनगर, बरेली, बुलंदशहर और शाहजहांपुर में निर्मित ट्रांसमिशन की 400 केवी, 220 केवी एवं 132 केवी उपकेंद्रों की 7 परियोजनाओं और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि. लखनऊ के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में बने 33/11 केवी के 29 सबस्टेशनों का भी लोकार्पण किया।
वहीं सौभाग्य योजना के अंतर्गत कनेक्शन लेने के लिए ई-संयोजन मोबाइल एप भी लांच किया। इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह, विधानसभा अध्यक्ष ह्नदयनारायण दीक्षित, सूबे के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा, राज्यमंत्री ऊर्जा स्वतंत्रदेव सिंह, जिले के प्रभारीमंत्री रमापति शास्त्री, सांसद हरि साक्षी महाराज समेत सभी विधायक और अन्य संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे।
इस ‘सौभाग्य योजना’ के आवंटियों को अब यही उम्मीद है कि उनकी बिजली निर्बाध जारी रहे।