यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मानकों की धज्जियां उड़ाकर संचालित की जा रहीं स्लॉटर हाउसों पर नकेल कसते हुए मैस एग्रो फूड्स लिमिटेड स्लॉटर हाउस को बंद करने के आदेश दिये हैं। जबकि, इंडेग्रो फूड्स, अल सुपर, एग्रिकॉम और एओवी फूड्स स्लॉटर हाउस को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का शिकंजा

इन सभी पांचों स्लॉटर हाउसेज पर तय मानकों को ठेंगा दिखा प्रदूषण फैलाने के आरोप लगे हैं। वहीं उन्नाव जिलाधिकारी के पास इस आदेश के पहुंचने के बाद जिला प्रशासन के पसीने छूट गये हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ ही जिला पशु अधिकारी, एआरटीओ और पुलिस विभाग की कार्यशैली की पोल खुल गई है।

हजारों करोड़ के मांस व्यापार पर असर

एक आंकड़े के मुताबिक, उन्नाव जिले में मीट एक्सपोर्ट का सालाना कारोबार छह हजार करोड़ और लेदर एक्सपोर्ट का सालाना करीब दो हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर होता था। लेकिन, जहां-तहां खुले अवैध बूचड़खानों को लेकर प्रदेश सरकार की सख्ती से छोटे पैमाने पर बिक्री करने वाली दुकानें बंद हैं। जिसकी वजह से व्यापार पर असर पड़ा है।

सख्ती से स्लॉटरिंग का काम बेहद धीमा

उन्नाव के छह स्लॉटर हाउसेज से अमेरिका, आस्ट्रेलिया, वियतनाम सहित अन्य देशों में मांस का एक्सपोर्ट होता रहा है। लेकिन सरकार द्वारा मांस के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के बाद जिले की बड़ी मांस निर्यातक इकाईयां इंडेग्रो फूड्स, एओवी फूड्स, रुस्तम फूड्स, मैस एग्रो, स्टैंडर्ड प्रोजन व जेएस इंटर नेशनल में स्लॉटरिंग का काम बेहद धीमा हो चला है।

योगी सरकार नियमानुसार स्लॉटरिंग का संदेश देने में जुटी

यहां से पैकेट बंद मीट विदेशों में एक्सपोर्ट होता है। लेकिन नियमों के समुचित पालन को लेकर ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से मवेशी सप्लायर सहमे हैं वहीं स्लॉटर हाउसों में भी मवेशियों की किल्लत हो गई है। चमड़ा उद्योग भी नियमों की चपेट में आकर कराह रहा है। जाहिर है कि, योगी सरकार नियमानुसार स्लॉटरिंग का साफ संदेश देने में लगी है।

                                                                                                                      एपीएन ब्यूरो

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