Unnao Rape Case: उन्नाव रेप केस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI और पीड़ित पक्ष को नोटिस भेजा है। आरोपी और BJP से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने दायर याचिका में कहा है कि पीड़िता नाबालिग नहीं थी।मामले पर CBI और पीड़ित पक्ष को 25 मई तक हाई कोर्ट के नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
कुलदीप सेंगर ने अपनी याचिका में कहा कि जब यह घटना हुई थी तो पीड़िता नाबालिग नहीं थी। इस बाबत कुलदीप ने अपनी याचिका में उसकी उम्र का दस्तावेज दिए जाने की मांग की है। दरअसल उन्नाव रेप केस का मामला वर्ष 2017 में सामने आया था। जिसमें 20 दिसंबर 2019 को सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।

Unnao Rape Case: पिछले वर्ष सेंगर को किया था बरी
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले वर्ष दिसंबर में उन्नाव रेप पीड़िता के 2019 दुर्घटना मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को यह कहते हुए बरी कर दिया कि वर्तमान मामले में सेंगर के खिलाफ कोई आरोप नहीं बनता है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने कुलदीप सिंह सेंगर और पांच अन्य आरोपियों को यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि इन आरोपियों सेंगर, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह और अवध सिंह के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं है। हालांकि कोर्ट ने चार आरोपियों आशीष कुमार पाल, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।

वर्ष 2019 में हुआ था हादसा
मालूम हो कि हादसा वर्ष 2019 में तब हुआ था जब उन्नाव रेप पीड़िता रायबरेली जा रही थी।उस दौरान एक ट्रक ने उस वाहन को टक्कर मार दी थी। जिसमें लड़की अपनी दो मौसी और वकील के साथ सफर कर रही थी। हादसे में उसकी मौसी ने दम तोड़ दिया, जबकि वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
सीबीआई की ओर से जारी चार्जशीट के अनुसार 28 जुलाई 2019 को दोपहर आरोपी आशीष कुमार पाल रायबरेली की ओर से लालगंज की ओर आ रही सड़क की गलत साइड पर लापरवाही से ट्रक चला रहा था। महेंद्र सिंह एडवोकेट द्वारा चलाई जा रही कार ट्रक के पिछले हिस्से से टकरा गई, जिससे दो महिला यात्रियों की मौत हो गई, साथ ही चालक महेंद्र सिंह एडवोकेट गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसने बाद में दम तोड़ दिया।
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