त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने दिल्ली-एनसीआर और महाराष्ट्र के रिहायशी इलाकों में पटाखों की बिक्री बैन का विरोध किया है। राज्यपाल तथागत रॉय ने ट्वीट कर के इसका विरोध करते हुए कहा है कि, ”कभी दही हांडी, आज पटाखा, कल को हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर मोमबत्ती और अवार्ड वापसी गैंग हिंदुओ की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे।”
कभी दही हांडी,आज पटाखा ,कल को हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर मोमबत्ती और अवार्ड वापसी गैंग हिंदुओ की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे !
— Tathagata Roy (@tathagata2) October 10, 2017
उन्होंने ट्विटर के जरिए ‘मोमबत्ती और पुरस्कार वापसी गिरोह’ पर निशाना साधा और कहा कि वायुप्रदूषण के डर से हिंदूओं के दाह संस्कार पर भी अर्जी आ सकती है। मीडिया सूत्रों की मानें तो एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान भी त्रिपुरा राज्यपाल ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, वे एक हिंदू होने के नाते सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खफा हैं।
गौरतलब है कि पूर्व बीजेपी नेता और त्रिपुरा के गवर्नर तथागत राय अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। इससे पहले उन्होंने रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद चर्चित लेखक चेतन भगत ने ट्वीट कर पूछा था कि पटाखों के बिना बच्चों के लिए दिवाली कैसी?
चेतन ने यह सवाल भी उठाया कि हिंदुओं के त्योहारों के साथ ही ऐसा क्यों होता है? उन्होंने पूछा कि क्या बकरीद पर बकरे काटने और मुहर्रम पर खून बहाने के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं? दिवाली पर पटाखों को बैन किया जाना ऐसा है जैसे क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री और बकरीद पर बकरे को बैन कर दिया जाना।
वहीं उनके ट्वीट पर सैकड़ों लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी है। कुछ ने राज्यपाल का समर्थन करते हुए लिखा है, ‘हिन्दू बहुसंख्यक होने के कारण, योग अथवा प्राणायाम करके हिन्दू अधिक CO2 छोड़ के प्रदुषण बढ़ाते है।’ एक समर्थक ने लिखा है, ‘पटाखे भी कमबख्त सेक्युलर्स हो गए हैं। नए साल के जश्न में फूटते हैं तो खुशियां बिखेरते हैं और दिवाली पे फूटते हैं तो प्रदुषण!’