संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। 19 जुलाई से चल रहे सत्र में खूब हंगामा हो रहा है। सदन को अपनी कार्यवाही रोकनी पड़ रही है। वहीं 22 जुलाई को सदन में काफी हंगामा हुआ। पेगासस जासूसी कांड को लेकर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने संचार मंत्री के हाथ से पेपर छीन कर फाड़ दिया। पेपर के टुकड़ों को सदन में उड़ा दिया।

शांतनु को निलंबति करने की मांग उठ रही थी। भारी हंगामे के बाद दास को राज्यसभा से 23 जुलाई को निलंबति कर दिया गया है। इस बीच इतना हंगामा हुआ कि सदन को अपनी कार्यवाही को 12 बजे तक रोकनी पड़ी।

उच्च सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को शांतनु सेन के निलंबन की घोषणा की। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कल गुरुवार को हुई घटना का जिक्र किया और इसे अशोभनीय बताया।

सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि कल जो कुछ हुआ, निश्चित रूप से उससे सदन की गरिमा प्रभावित हुई। सेन ने गुरुवार को राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज छीन लिया था। इसके बाद उसके टुकड़े कर हवा में फेंक दिये थे।

बता दें कि केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव सदन में पेगासस जासूसी कांड को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे थे। इसी दौरान टीएमसी सांसद ने वैष्णव के हाथ से पेपर लेकर फाड़ दिया और उसे राज्यसभा मे फेंक दिया। इस मुद्दे को लेकर सभापति वेंकैया नायडू ने नाराजगी जहिर की है।

उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से असंसदीय व्यवहार ना करने का अनुरोध किया था लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कल की घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद नायडू ने सेन को सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने की घोषणा की। इस पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here