यूएन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर से लताड़ा है। सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकी संगठनों को ऐसे देशों से मदद और शरण मिल रही है, जिन्होंने आतंकवाद को अपने हितों को पूरा करने का साधन बना रखा है।

सुषमा ने पाकिस्तान को आतंकवाद की शरणस्थली बताते हुए कहा कि आतंकवाद का ‘राज्य नीति के औजार’ के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने ब्रिक्स देशों के अपने समकक्षों से इस समस्या को प्रायोजित करने के प्रयासों की निंदा करने का आह्वान किया।

Sushma Swarajविदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आठ सदस्यों को आतंकवाद के खिलाफ समन्वय मजबूत करने और इस लड़ाई को संगठन के बुनियादी ढांचे के अनुरूप बनाने की जरूरत है। सुषमा ने बुधवार (20 सितंबर) को एससीओ की मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान आतंकवाद की पुरजोर निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद रोधी ढांचा इस संगठन का हिस्सा होना चाहिए। पाकिस्तान भी इस संगठन का सदस्य है। सुषमा ने बैठक से इतर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की।

इस दौरान स्वराज ने सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सामूहिक रूप से कदम उठाने का आह्वान किया, ताकि दुनिया के लिए खतरा पैदा करने वाले उत्तर कोरिया जैसे देशों के मंसूबों को नाकाम किया जा सके। विदेश मंत्री ने आतंकवाद को न्यायसंगत ठहराने और आतंकियों को शरण देने के लिए धर्म का इस्तेमाल करने वाले देशों की भी निंदा की।

इसके अलावा स्वराज ने कहा कि एससीओ के सदस्य के रुप में भारत एक प्रभावी क्षेत्रीय मंच के एकीकरण के लिए बड़े पैमाने पर सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि एससीओ के साथ भारत की कनेक्टिविटी भारत की प्राथमिकता है और साथ ही भरोसा दिलाया कि भारत चाहता है कि एससीओ संगठन के देशों के लोगों के बीच सहयोग और विश्वास के लिए सही कनेक्टिविटी का रास्ता तैयार हो सके।

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