Surgical Strike: कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी के नेतृत्व में जारी है। यह यात्रा अभी जम्मू में है। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जो विवाद का कारण बन गया है। जम्मू में लोगों को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा “सर्जिकल स्ट्राइक के कोई प्रमाण नहीं है।” उनके इस बयान से देश में एक बार फिर से सियासी पारा चढ़ गया है। बीजेपी ने तुरंत ही इसपर पलटवार भी कर दिया है।

Surgical Strike के बारे में वे(केंद्र सरकार) करते हैं बात- दिग्विजय सिंह
आपको बता दें कि रविवार को भी दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर 370 हटाने को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था “जम्मू कश्मीर से भले ही धारा 370 हटा दिए गए हों लेकिन अभी भी यहां आतंकवाद कायम है।” इस बयान के बाद उन्होंने एक बार फिर से केंद्र ही नहीं बल्कि देश की सेना को भी निशाने पर लिया है।
जम्मू में लोगों को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा “वे (केंद्र सरकार) सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बात करते हैं कि हमने इतने लोग मार गिराए लेकिन प्रमाण कुछ नहीं। केवल झूठ बोलकर ये(बीजेपी) राज कर रहे हैं। मैं आपसे कहना चाहता हूं यह देश सबका है।” कांग्रेस नेता के इस बयान से देश में इनके खिलाफ बीजेपी समेत कई लोग आवाज उठाने लगे हैं।
बीजेपी ने कांग्रेस पर किया पलटवार
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान के बाद बीजेपी ने प्रेस वार्ता की। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस दौरान कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने कहा “जब भी हमारी वीर सेना अपना पराक्रम दिखाती है तो सबसे अधिक दर्द उस देश को होता है जिसको सबक सिखाया जाता है, जो विश्व में अपनी आतंकी गतिविधियों को लेकर जाना जाता है। लेकिन यह दुखद है कि दर्द भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को होता है।” गौरव ने कहा कांग्रेस का चरित्र गैरजिम्मेदाराना बयान देना है।
उन्होंने कहा “हमारे सुरक्षा बलों के खिलाफ बोलने वाले किसी को भी देश बर्दाश्त नहीं करेगा। पीएम मोदी के प्रति उनकी नफरत के कारण, राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह में अब देशभक्ति नहीं बची है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तो महज एक बहाना है, दरअसल ये लोग भारत को तोड़ने का काम कर रहे हैं।”

पहले भी उठे थे सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल
मालूम हो कि फरवरी 2019 में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना पर धोखे से हमला बोल दिया था, जिसमें देश के कई जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद भारतीय सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ पीओके और आसपास के क्षेत्रों में एक ऑपरेशन किया था, जिसका नाम सर्जिकल स्ट्राइक दिया गया। उस स्ट्राइक में सैकड़ों आतंकवादियों को मारने की बात कही गई थी। उस वक्त इस पर विपक्ष के कई दलों ने सवाल उठाकर इस ऑपरेशन के प्रमाण मांगे थे, जिस मांग को राजनीति से प्रेरित भी बताया गया था। वहीं, एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगने का मामला गरमा गया है।
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