सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन सड़क को इस तरह से बंद नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों पर भी सवाल उठाए और कहा कि सड़क पर ट्रैफिक को इस तरह रोकने का कोई औचित्‍य नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए सरकार को कोई हल निकालना होगा। इस तरह के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं।

सड़क को रोककर किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन सड़क इस तरह बंद नहीं हो सकती। किसी भी हाल में सड़कों पर लोगों की आवाजाही को नहीं रोका जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको बहुत समय मिल चुका अब आप लोग कुछ कीजिए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले के निपटारे के लिए केंद्र और राज्य सरकारें आपसे में सहयोग करें ताकि आम लोग परेशान ना हों।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश सरकार के शपथ पत्र (Affidavit) पर कहा कि हमने आपके द्वारा दायर किया गया शपथ पत्र देखा है। किसानों के पास विरोध करने का अधिकार है लेकिन ट्रैफिक को बाधित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र और यूपी सरकार को दो हफ्ते में हल निकालने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।

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बता दें कि दिल्‍ली के चारो बॉर्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन पिछले 8 महीने से ज्‍यादा समय से चल रहा है। कुछ किसान संगठन देश की नई कृषि नीति को वापस लेने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

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