Supreme Court: 9 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार को फटकार लगायी है। Supreme Court ने केंद्र सरकार से इसपर अपना रुख साफ न करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए साढ़े सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। गौरतलब है कि आज केंद्र सरकार ने कोर्ट से इस मामले पर जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की थी।
Supreme Court ने 2020 में जारी किया था नोटिस
आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने केंद्र द्वारा मामले की सुनवाई को टालने को लेकर जारी सर्कुलर का विरोध किया। कोर्ट इस मामले में केंद्र सरकार को अगस्त 2020 में ही नोटिस जारी कर चुका है। उसके बाद भी केंद्र की तरफ से याचिका पर अपना जवाब दाखिल नहीं किया गया। जिसके बाद अदालत की तरफ से यह कदम उठाया गया।
साथ ही कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी धर्मो को अल्पसंख्यक घोषित करने की केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ विभिन्न हाई कोर्ट से चल रहे मामले सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने का अनुरोध करने वाली याचिका को भी स्वीकृति दे दी। और मामले को मुख्य याचिका के साथ संलग्न कर दिया है।
Supreme Court में अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी याचिका
दरअसल याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दाखिल कर राज्यवार अल्पसंख्यकों के निर्धारण करने की मांग की थी। इसके अलावा अल्पसंख्यक आयोग और अल्पसंख्यक शैक्षणिक आयोग के गठन को भी उन्होंने चुनौती दी थी। उपाध्याय ने अपनी याचिका में केंद्र की अल्पसंख्यक घोषित करने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली जो विभिन्न याचिकाएं अलग-अलग हाई कोर्ट में है। उनको भी सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की थी। जिसे कोर्ट ने मान लिया था।
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