Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से कहा कि सामुदायिक रसोई चलाए जाने पर एक मॉडल प्लान तैयार करे और राज्य सरकारें इस पर सुझाव दे सकती हैं। यही नहीं इसके साथ कुपोषण और उससे जुड़े अन्य मसलों पर डाटा दे सकती है। आज भुखमरी या कुपोषण से होने वाली मौत को रोकने के लिए सामुदायिक रसोई चलाए जाने के मामले पर CJI ने AG केके वेणुगोपाल से कहा कि भुखमरी से मौत के क्या आंकड़े हैं।
Supreme Court ने भुखमरी से जुड़ा डेटा मांगा
इस पर AG ने कहा एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है की एक बच्चे की मौत भुखमरी से हुई। CJI ने कहा कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक भुखमरी के अलावा कुपोषण भी मौत का कारण है। CJI ने कहा हम आज ही कोई योजना नहीं बनाने जा रहे हैं या आपको योजना बनाने का निर्देश ही दे रहे हैं। अगर सरकार के पास कोई नई सर्वे रिपोर्ट हो जिसमे भुखमरी से होने वाली मौतों के बारे में कुछ डेटा हो तो वो हमें दे।
CJI ने कहा इस मामले पर कई राज्यों का कहना है कि वह सामुदायिक रसोई चला रहे हैं। कुछ राज्यों ने इस में कोई दिलचस्पी नहीं जाहिर की है। राज्यों का कहना है कि अगर इसको लागू करना है तो केंद्र सरकार इसके लिए हमें कुछ धन मुहैया कराए।
CJI ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा की इसके लिए आपके पास जो भी योजना और धन हो उसका कुछ हिस्सा राज्यों को आवंटित करें तो राज्य इसका ध्यान रखेंगे। AG ने सहमति जताते हुए कहा फिर हम एक योजना बना सकते हैं। जिसमें 2 प्रतिशत अतिरिक्त खाद्यान्न राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राज्य हलफनामा दाखिल कर यह बताएं कि क्या 2 प्रतिशत अतिरिक्त खाद्यान सभी राज्यों को स्वीकार्य है।
हालांकि कोर्ट ने कहा कि हम ऐसा कोई निर्देश नहीं दे सकते, यह आपको स्वयं ही करना पड़ेगा क्योंकि राज्य पहले ही सुझाव दे चुके हैं। CJI ने कहा कि हमारा मकसद है कि सभी का पेट भरे। सभी यह जानते हैं कि यह समस्या है आप सभी इस विषय पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं।
CJI ने कहा कि मुझे लगता है कि यदि केंद्र अतिरिक्त खाद्यान्न देने का इच्छुक है तो राज्य साथ देंगे। हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। कोर्ट में इस मामले पर 3 हफ्ते बाद सुनवाई होगी।
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