Supreme Court: GNCTD संशोधन अधिनियम 2021 और दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने केंद्र सरकार की तरफ से कहा कि बालकृष्ण समिति गठित की गई है और इसकी रिपोर्ट पर संसद में चर्चा भी हो चुकी है। जिसके आधार पर धारा 239aa को संविधान में जोड़ा गया।
SG ने कहा दिल्ली क्लास सी स्टेट है। दुनिया के लिए दिल्ली को देखना यानी भारत को देखना है।दिल्ली को भारत के रूप में देखती है दुनिया। SG ने कहा कि बालकृष्ण रिपोर्ट की भी इस सिलसिले में बड़ी अहमियत है।रिफरेंस ऑर्डर के मुताबिक तीन मामलों की छोड़कर बाकी काम दिल्ली सरकार राज्यपाल को सूचित करते हुए करेगी।
Supreme Court: बालाकृष्णन कमेटी ने बनाई है रिपोर्ट
एस बालाकृष्ण की अध्यक्षता वाली कमेटी ने दिल्ली के प्रशासन को लेकर दुनिया भर के देशों के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की प्रशासन प्रणाली की गहन तुलना का अध्ययन करके रिपोर्ट बनाई है।रिपोर्ट में प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत निवारण के व्यावहारिक और सटीक उपाय सुझाए गए हैं।
CJI ने पूछा कि अब सरकार विधान सभा के अधिकारों को लेकर क्या पीछे हट रही है? दरअसल दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के संबंध में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच कानूनी विवाद और GNCTD संशोधन अधिनियम 2021 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।
दिल्ली सरकार ने कहा, बालकृष्ण आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा की जरूरत नहीं
दिल्ली सरकार के वकील एएम सिंघवी कहा कि इस मामले में पहले ही फैसला आ चुका है, बड़ी बेंच को रेफर करने की जरूरत नहीं है।
बावजूद इसके केंद्र सरकार ने पिछली तीन सुनवाई में मामले को संविधान पीठ के पास भेजने के मुद्दे पर पक्ष रखा है। बालकृष्ण आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा की कोई आवश्यकता ही नहीं है, क्योंकि इसे खारिज कर दिया गया था।
CJI ने सिंघवी से पूछा कि आप बताएं कि 3 जजों की बेंच ने राज्य विधानसभा की शक्तियों को कहां देखा है।
इसके अलावा SG के द्वारा 3 की बजाय 5 जजो की बेंच मामले की सुनवाई के तर्क पर अपना पक्ष भी बताएं। सिंघवी ने कहा कि मैं मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजने का विरोध करता हूं।
मामले की सुनवाई अब कल होगी
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