Supreme Court: असम में NRC की अंतिम लिस्ट में जगह पाने वाले लोगों को आधार कार्ड जारी करने की मांग के मामले पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और UIDAI को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा।
इस मामले पर सांसद सुष्मिता देव का कहना है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं होता। उन्होंने कहा कि 182 दिनों के लिए देश में रहने वाला व्यक्ति भी आधार के नामांकन के लिए पात्र हो जाता है। ऐसे में असम में जिन लोगों के नाम NRC की अंतिम सूची में हैं। उन लोगों को आधार कार्ड दिया जाना चाहिए।

Supreme Court: SOP में संशोधन करने की अपील

मामले पर असम के मंत्री रंजीत कुमार दास का कहना है कि उन्होंने भारत के रजिस्ट्रार जनरल से NRC की SOP में संशोधन करने की अपील की है। जिसकी वजह से 8 लाख तीस हजार आवेदकों को आधार मिल सकेगा।
वहीं NRC के असम के राज्य समन्वयक हितेश ने बताया कि केवल सुप्रीम कोर्ट ही SOP में संशोधन कर सकता है। इस समय की SOP के तहत इन लोगों को उस वक्त तक आधार कार्ड नहीं मिलेगा जब तक रजिस्ट्रार जनरल NRC द्वारा अधिसूचना जारी करेंगे।
दरअसल TMC की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर असम NRC, 2019 की अंतिम लिस्ट में जगह पाने वाले लोगों को आधार कार्ड जारी करने की मांग की थी।
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