Supreme Court: तब्लीगी जमात के विदेशी जमातियों को ब्लैक लिस्ट करने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती देने का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने इस बाबत शुक्रवार को मामले की सुनवाई टालते हुए सभी पक्षकारों से लिखित जवाब दाखिल करने को कहा है।
अब 21 अप्रैल को सु्प्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। अदालत ने केंद्र सरकार से इस संबंध में सूचना मांगी है। बता दें कि तब्लीगी जमात से जुड़े 30 देशों के 2500 नागरिकों को ब्लैकलिस्ट करते हुए इनका वीजा रद्द किया गया है। कोर्ट ने इस बाबत केंद्र सरकार से सूचना मांगी थी।

Supreme Court: ब्लैकलिस्ट नहीं होती सार्वजनिक
ब्लैकलिस्ट कभी भी सार्वजनिक नहीं की जाती है। दरअसल जब तक कोई व्यक्ति देश में प्रवेश करने या जाने का प्रयास नहीं करता है तब तक उसे पता नहीं चलेगा कि वे ब्लैकलिस्ट की श्रेणी में है या नहीं। वर्तमान में एमएचए की सूची में लगभग 30,000 लोग ब्लैकलिस्ट हैं जबकि 2016 में यह संख्या 38,000 थी। इसमें 100 से अधिक सिख शामिल थे, जिन्हें 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के बाद ब्लैकलिस्ट किया गया था।उन्होंने विदेशों में राजनीतिक शरण मांगी थी।
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