भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी और नेताओं से इसीलिए अलग है क्योंकि विपक्ष पार्टियों के साथ साथ वो अपनी पार्टी पर भी कोई न कोई आरोप लगाते रहते हैं। इसी तरह एक बार फिर उन्होंने जीडीपी मुद्दे पर अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। स्वामी ने केंद्र सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। स्वामी ने कहा है कि सरकार केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के अधिकारियों पर बेहतर आर्थिक आंकड़े देने के लिए दबाव बनाया था, जिससे यह दिखाया जा सके कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था और जीडीपी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। ऐसे में स्वामी के इस आरोप से मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा, “कृपया जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर न जाएं, वे सब फ़र्जी हैं। मैं आपसे कह रहा हूँ, क्योंकि मेरे पिता ने सीएसओ की स्थापना की थी….। स्वामी ने रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “इन मूडी और फिच की रिपोर्ट्स पर यकीन मत कीजिए। आप उन्हें पैसे देकर किसी भी तरह की रिपोर्ट प्रकाशित करवा सकते हैं।” सुब्रमण्यन स्वामी का यह बयान ऐसे समय आया है जब वित्त मंत्री अरुण जेटली नोटबंदी और जीएसटी के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर जताई आशंका को खारिज कर चुके हैं।
बता दें कि मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीडीपी के आंकड़ों को सकारात्मक बताया था और कहा था कि आगे चलकर देश को इससे फायदा होगा। इसके साथ ही कई विदेशी एजेंसियों ने भी नोटबंदी और जीडीपी को लाभकारी बताया था और कहा था कि मोदी सरकार की इन नीतियों से भारत को आगे चलकर काफी फायदा मिलने वाला है। देखना यह होगा कि स्वामी के इन आरोपों का मोदी सरकार क्या जवाब देती है। हालांकि विपक्ष को इसका बहुत फायदा मिलने वाला है, इसमें कोई शक नहीं है।