Tribunals Appointment पर सख्त Supreme Court , 2 हफ्ते के भीतर केंद्र को रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश

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Supreme Court
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देश में ट्रिब्यूनल्स नियुक्ति (Tribunals Appointment) पर एक बार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने Attorney General K.K Venugopal को खूब फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि, जहां भी नियुक्ति नहीं हुई उसका कारण बताते हुए 2 हफ्ते के भीतर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने कहा कि, अगर इस आदेश को गंभीरता से नहीं लिया गया तो, जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बड़े शर्म की बात है-Supreme Court

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने Attorney General से कई सवाल जवाब किए। कोर्ट ने पूछा कि 2 सदस्यों की सिलेक्ट कमेटी की सिफारिश किए गए नामों को ट्रिब्यूनल्स की नियुक्ति में क्यों नहीं लिया गया? कोर्ट ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सीनियर जज शामिल होते हैं लेकिन उनकी सिफारिशों को भी केंद्र अनदेखा कर देती है।

कोर्ट ने कहा कि सरकार बताए कि आखिर किस आधार पर सर्च व सिलेक्ट कमेटी की सिफारिशों की अनदेखी की गई है? कोर्ट ने AG से सरकार द्वारा की गई नियुक्तियों पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। जिसमे सरकार को नियुक्तियों के चयन की प्रक्रिया और जिनका चुनाव नही किया गया है, उसके पीछे की वजह को भी बताना का कहा है।

केंद्र सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाया जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि शिफारिश के नामों की जगह वेटिंग लिस्ट में से नाम क्यों चुने गए? इसपर AG ने जवाब देते हुए कहा सरकार के पास यह शक्ति दी गई है कि वह सिफारिशों को नामंजूर कर सकती है। फिर कोर्ट ने यह भी पूछा कि सरकार नेशनल ट्रिब्यूनल अपॉइन्टमेंट कमीशन बनने की बात कह रही थी उस कमीशन का क्या हुआ ?

कोर्ट ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते ट्रिब्यूनल्स की सभी रिक्त पदों पर नियमानुसार नियुक्तियां नहीं हुई तो केंद्र सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाया जाएगा। CJI ने कहा कि वित्त मंत्रालय को इसके लिए बार बार चिट्ठियां लिखी गई। जिनका कोई फायदा नहीं हुआ। अब हम वित्त मंत्रालय जाकर नही पूछ सकते कि आपने इसके लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कोई कार्यवाई क्यों नहीं की गई?

कोर्ट ने कहा कि इसमें सुप्रीम कोर्ट के दो जज, विधि और वित्त विभाग के सचिव भी समिति में इतनी मेहनत करते हैं। आखिर उस मेहनत का क्या फायदा इतनी मेहनत आखिर किस लिए? सुप्रीम कोर्ट ने AG से कहा कि आप केंद्र सरकार को बताए की हम सरकार के रवैये से नाखुश है।

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