मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही सूबे में सख्त प्रशासन की बात करते हो। लेकिन आज भी राज्य की बेटियां सुरक्षित नहीं है। लखनऊ के हजरतगंज में विधानभवन के सामने एक परिवार की आधा दर्जन महिलाओं ने खुद पर पेट्रोल डाल कर आग लगाने की कोशिश की। इस घटना से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई। मौके पर मौजूद महिला पुलिस कर्मियों ने हिम्मत दिखाई और कुछ ही पल में आग से घिरी महिलाओं को सकुशल बचा लिया। अन्यथा यह घटना बेहद खौफनाक हो सकती थी।
विधानभवन और मुख्यमंत्री के नए कार्यालय लोकभवन के सामने अचानक इस प्रकार की घटना से काफी देर तक अफरातफरी मची रही। हड़कम्प के हालात बने रहे। पीड़ितों का आरोप है कि 6 महीने पहले एक मंत्री के इशारे पर उनकी नाबालिग बेटी को अपहरण कर लिया गया और पुलिस अपहरणकर्ताओं के साथ मिलकर उन्हीं को प्रताड़ित कर रही है। पहले भी यह परिवार लखनऊ में दो बार आत्मदाह का प्रयास कर चुका है।
हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया। इस दौरान पीड़ित परिवार की महिला ने खुद को आग लगाई। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस ने महिला को बचाया। घटना में दो महिला पुलिस समेत एक एसआई भी मामूली रूप से घायल हो गई। पुलिस ने परिवार वालों को हिरासत में लेकर पूछताछ करना शुरू कर दी है।
यूपी के बदायूं का रहने वाला यह परिवार को बेटी के अपहरण से बहुत ही आहत है। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है। पहले भी परिवार के चार लोगों ने विधानसभा के सामने आत्मदाह करने की कोशिश कर चुके है। लेकिन प्रशासन जगने का नाम नहीं ले रहा है।