गुजरात के अहमदाबाद के कालूपुर रेवड़ी बाजार में 20 मार्च को पांच दुकानों में भयंकर आग लगई थी। आग की जांच अहमदाबाद पुलिस और क्राइम ब्रांच कर रही थी। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को इस मामले में बड़ी कामयाबी मिली है। आग के पीछे आतंकी साजिश बताई जा रही है।

क्राइम ब्रांच ने एक नए आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया है। आग लगने के बाद भूपेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति को हवाला के जरिए दुबई से रुपये भी दिए गए थे।

इस मामले में दो लोगों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। आरोपी पीपीई किट पहने हुए थे और रेवड़ी बाजार में आग लगाइ थी। जिससे वो पहचान छुपा सके। दूसरी ओर, वे भय का माहौल बनाना चाहते थे।

जांच में खुलासा हुआ है कि, पाकिस्तान के हैंडलर बाबा खान एक विशेष ऐप पर आरोपी भूपेंद्रसिंह के साथ वार्ता करता था। भूपेंद्र ने बाबा को एक वीडियो सेंड किया जिसे देखने के बाद बाबा ने कहा कि, इतनी छोटी आग से मजा नहीं आया कुछ बड़ा करो।

खबरों के अनुसार, बाबाखान नाम का पाकिस्तानी हैंडलर Wickr पर गुप्त बातचीत करता था. बाबाखान उसे व्हाट्सएप पर ‘दुकान पे आ जाओ’ संदेश भेजता था। यह मैसेज में ऑटो डिलीट का विकल्प देता है. हालांकि, ऑटो डिलिट किए गए संदेश को क्राइम ब्रांच द्वारा डिकोड किया गया है।

जब भूपेंद्र हथियार लेकर गुजरात आते हुए पकड़ा गया, तो यह खबर मिलते से आतंकी आका परेशान हो गया। इस घटना के बाद, उन्होंने भूपेंद्र से पूछा, “तुमने पुलिस को कुछ बताया नहीं, अगर बता भी देते, तो पुलिस मुझे नहीं पकडं पाती?” बाबा खान को यकीन था कि उनकी चैट नहीं पकड़ी जाएगी, लेकिन क्राइम ब्रांच ने इस चैट को डिकोड करने में कामयाबी हासिल कर ली है।

बाबा आतंकवादी वारदात को अंजाम देने के लिए भूपेंद्र को अजमाना चाहता था। इसलिए उसने भूपेंद्र को पेटीएम से 25,000 रुपये दिए और कहा कि वह किसी बड़े कुख्यात व्यक्ति को मार डाले। इसके लिए उन्हें एक बड़े जानेमाने व्यक्ती को मारने का टास्क दिया गया था।

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