Mukesh Ambani: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को मुंबई में प्रदान की जाने वाली सुरक्षा जारी रखने की अनुमति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने त्रिपुरा उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया है।
Mukesh Ambani की सुरक्षा को लेकर SC ने HC के आदेश पर लगाई थी रोक
शीर्ष अदालत ने 29 जून को अंबानी और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ ने केंद्र की याचिका पर उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया था, जिसमें उसने उच्च न्यायालय के 31 मई और 21 जून के दो आदेशों को चुनौती दी थी।
त्रिपुरा का मुंबई के व्यक्तियों से क्या लेना-देना: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता
बता दें कि केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय के समक्ष आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगाई जाएगी क्योंकि त्रिपुरा का मुंबई में प्रदान किए गए व्यक्तियों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई गई तो उन्हें फिर से शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा।
केंद्र ने अपनी अपील में कहा है कि उक्त आदेशों के माध्यम से एचसी ने केंद्र सरकार को एक जिम्मेदार अधिकारी को मूल रिकॉर्ड के साथ 28 जून को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश करने का निर्देश दिया है। सरकार ने जानकारी दी है कि मुकेश अंबानी को 2013 में ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी और 2016 में नीता अंबानी को ‘वाई’ श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा दी गई थी।
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