Punjab में कांग्रेस का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। सत्ता से बेदखल होकर बनवास की सजा काट रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार प्रदेश कांग्रेस और खासकर नवजोत सिंह सिद्धू पर हमलावर हैं वहीं नये मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बनकर भी चैन की सांस नहीं ले पा रहे हैं।
कांग्रेस आलाकमान से काफी खरी-खोटी सुनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से दिया अपना इस्तीफा वापस तो ले लिया। लेकिन सिद्धू तो सिद्धू ठहरे, हरफनमौला क्रिकेटर को राजनीति के पिच पर भी छक्के मारने की आदत लगी हुई है।
ताजा मामले में अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लेने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। पत्र में सिद्धू ने सोनिया गांधी से दिल्ली में मिलने का वक्त मांगा है। लेटर में सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गंधी के सामने कुल 13 मुद्दों को उठाया है। सिद्धू की मांग है कि चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार से इन 13 मुद्दों को जल्द से जल्द हल करे। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि पंजाब कांग्रेस में अंदरखाने की जंग अब भी जारी है।
15 अक्टूबर को लिखे अपने पत्र को सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल पर सार्वजनिक किया है। पत्र में लिखे 13 मुद्दे इस प्रकार हैं-
1- सिद्धू ने पहले मुद्दे में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मुद्दा उठाते हुए दोषियों के खिलाफ ऐक्शन की मांग की है। इसके अलावा कोटकपूरा गोलीकांड पर कार्रवाई को कहा है।
2. पंजाब की लगभग पूरी पीढ़ी नशे से जूझ रही है। इसके समाधान के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी के पीछे एसटीएफ रिपोर्ट ने जिन बड़ी मछलियों का जिक्र किया था, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और सजा दी जानी चाहिए।
3. खेती से जुड़े केंद्र के तीनों कृषि कानूनों का हम विरोध करते हैं, इसलिए पंजाब सरकार को भी ये कहते हुए घोषणा करनी चाहिए कि वो इन तीनों काले कानूनों को किसी भी कीमत पर लागू नहीं करेगी।
4. हमें घरों में भी 24 घंटे और सस्ती बिजली देनी चाहिए। इसके लिए हम प्रति यूनिट की कीमत 3 रुपये तय कर सकते हैं या फिर 300 यूनिट तक की बिजली मुफ्त में दे सकते हैं।
5. देश में कोयले की कमी की स्थिति को देखते हुए पंजाब को सस्ते, स्मार्ट और कुशल पीपीए की ओर बढ़ना चाहिए। इसके साथ ही सस्ते सौर ऊर्जा पर भी ध्यान देना चाहिए।
6- सरकार को अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के कल्याण के लिए काम करना चाहिए। हमारे कैबिनेट में कम से कम एक मजहबी सिख कैबिनेट में अवश्य होना चाहिए। दोआबा का एक दलित प्रतिनिधि जरूर हो। कैबिनेट में कम से कम दो पिछड़ी जाति के लोग हैं। आरक्षित संसदीय क्षेत्रों के विकास के लिए कम सेस कम 25 करोड़ रुपये स्पेशल पैकेज के तहत दिए जाएं। इसके साथ ही पंजाब में हर एक दलित को पक्का घर और कृषि योग्य भूमि दी जाए।
7- राज्य में हजारों सरकारी पद खाली पड़े हैं। जिन्हें तत्काल भरा जाए। 20 से ज्यादा यूनियन टीचर्स, डॉक्टर्स, नर्स, लाइन मैन, सफाई कर्मचारियों की मांगों को तुरंत पूरा करना चाहिए।
8- उद्योगों और कारोबारियों की मदद और विकास के लिए सिंगल विंड सिस्टम लागू की जाए।
9- प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के जरिए महिलाओं और युवाओं का विकास हो।
10- राज्य सरकार को तुरंत शराब के कारोबार का एकाधिकार करना चाहिए, जैसा कि दक्षिण के राज्य तमिलनाडु में है। ऐसा करने से राज्य सरकार को 20,000 करोड़ का फायदा होगा और रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे।
11- बालू खनन को लेकर स्पष्ट नीति बनाई जाये और अवैध खनन पर लगाम लगाई जाए।
12- पंजाब में ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था दुरुस्त हो। ऐसा करने से लोगों को सुविधाएं और रोजगार दोनों मिलेंगे।
13- राज्य के लोग केबल माफियाओं से त्रस्त हैं, उनसे जुड़े नियमों की समीक्षा की जाए और उन्हें जनता के हक में लाभ पहुंचाने वाला बनाया जाए।
कुल मिलाकर देखा जाए तो नवजोत सिंह सिद्धू कहीं न कहीं पंजाब की सत्ता के केंद्र में बने रहना चाहते हैं और चूंकि कांग्रेस आलाकमान ने सत्ता परिवर्तन में उनकी जगह चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लगा दी। इसलिए सिद्धू कहीं न कहीं चन्नी के लिए परेशानी का सबब भी बन रहे हैं।
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