केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में दिल्ली की वायु की गुणवत्ता में गिरावट आई है। हर साल की तरह इस साल भी पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पराली जलाना शुरू हो गया है, नासा द्वारा तैयार किए गए मैप में ये जगहें स्पॉट की गई है।
दिल्ली में सीपीसीबी के 37 निगरानी स्टेशनों के आंकड़ों के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 12 अक्टूबर को 179 थी, जो कि मध्यम श्रेणी मानी जाती है। मध्यम एक्यूआई 101 से 200 के बीच है।
यूनिवर्सिटी स्पेस रिसर्च एसोसिएशन, नासा मार्शल स्पेस फ़्लाइट सेंटर, यूएसए में पृथ्वी विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक पवन गुप्ता ने कहा कि पंजाब में शुरुआती आग आमतौर पर सितंबर की शुरुआत में अमृतसर जिले के पास शुरू होती है। हालांकि तिथि साल-दर-साल बदलती रहती है और मौसम सहित कई कारकों पर निर्भर करती है।
जानकारों का कहना है कि एक्यूआई 7 अक्टूबर से 125 को पार कर गया, उसके बाद से लगातार बढ़ रहा है। आखिरी दिन दिल्ली में ‘संतोषजनक’ वायु गुणवत्ता 4 अक्टूबर को थी, जब एक्यूआई 91 पर था। 20 सितंबर से 26 सितंबर तक AQI 100 से काफी नीचे था, जबकि पिछले 10 दिनों में स्थिति खराब हो गई।
वायु प्रदूषण के कारण इन दिनों फेफड़ों और हृदय रोग वाले लोगों में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। ऐसे में लोगों को बच कर रहने की जरूरत है ।
दिल्ली सरकार ने किए हैं ये उपाय
इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ कैंपेन शुरू किया है, केजरीवाल ने 18 अक्टूबर से कैंपेन के शुरूआत की घोषणा की। उन्होंने हफ्ते में कम से कम एक दिन अपनी गाड़ी का इश्तेमाल नहीं करने और ग्रीन दिल्ली एप पर प्रदूषण फैलाने वालों की शिकायत करके वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करने को कहा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है, आसपास के राज्यों की सरकारों ने अपने किसानों की मदद नहीं की इसलिए किसान पराली जलाने के लिए मजबूर हैं। दिल्ली में जब बाहर से पराली का प्रदूषण आने लगे तो कोशिश करें कि दिल्ली का प्रदूषण कम कर लें।
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