Coal Crisis: देश के कई राज्यों द्वारा कोयला संकट (Coal Crisis) पर चिंता जताने के बाद प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) स्थिति की समीक्षा कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए है। मालूम हो कि देश में कोयले की कमी के चलते ब्लैकआउट की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं।
गृह मंत्री शाह ने कोयला और बिजली मंत्रालयों के प्रभारी मंत्रियों से की मुलाकात
इससे पहले सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कोयला और बिजली मंत्रालयों के प्रभारी मंत्रियों प्रल्हाद जोशी और आरके सिंह से मुलाकात की थी। हालांकि सरकार ने बिजली प्लांट की मांगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला स्टॉक का आश्वासन देते हुए इन आशंकाओं को खारिज किया है। बिजली मंत्रालय ने राज्यों को केंद्रीय उत्पादन स्टेशनों द्वारा आवंटित बिजली का उपयोग करने के लिए कहा है। मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, “विद्युत मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया है कि कुछ राज्य अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं और लोड शेडिंग कर रहे हैं। साथ ही, वे बिजली एक्सचेंज में ज्यादा कीमत पर बिजली बेच रहे हैं।”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘देश में स्थिति “बहुत गंभीर” ‘
बयान में कहा गया है कि वितरण कंपनियों को बिजली एक्सचेंज में बिजली नहीं बेचनी चाहिए और अपने उपभोक्ताओं को परेशान नहीं करना चाहिए। दिल्ली की स्थिति पर बिजली मंत्रालय ने एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन) और दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) को राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने का निर्देश दिया। राजधानी में बिजली कटौती की संभावना जताने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में स्थिति “बहुत गंभीर” है। उन्होंने सोमवार को कहा, “पूरे देश में स्थिति बहुत गंभीर है। कई मुख्यमंत्रियों ने इसके बारे में केंद्र को लिखा है। सभी मिलकर स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।”
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केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा, “कोयले की कमी को लेकर बेवजह दहशत पैदा कर दी गई है”
इससे पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को आश्वासन दिया था कि स्थिति नियंत्रण में है और इस तरह की चिंताएं “पूरी तरह से गलत” हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा, “कोयले की कमी को लेकर बेवजह दहशत पैदा कर दी गई है, अगले कुछ दिनों में स्थिति को संभाल लिया जाएगा।” सिंह ने यह भी कहा कि “पर्याप्त बिजली उपलब्ध है”। दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने भी बिजली कटौती को लेकर चिंता जताई है।
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बिहार और छत्तीसगढ़ के सीएम ने भी जताई चिंता
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोयला संकट से इनकार करने के लिए केंद्र को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, “केंद्र का दावा है कि कोयले की कोई कमी नहीं है लेकिन बिजली प्लांट बंद हो रहे हैं… वह झूठे दावे क्यों कर रहे हैं, कोयला आयात भी बंद हो गया है … इससे बिजली आपूर्ति प्रभावित होगी … केंद्र क्या कर रहा है? ” भाजपा के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने राज्य को प्रभावित करने वाले संभावित कोयले की कमी के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “यह सच है कि एक समस्या है। कुछ कारण हैं जिनके कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। ”
बता दें कि भारत के बिजली उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत कोयले का योगदान है और लगभग तीन-चौथाई घरेलू स्तर पर खनन किया जाता है। आयातित कोयले का उपयोग करने वाले बिजली प्लांट ने भी या तो अपना उत्पादन कम कर दिया है या अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों में उछाल के कारण बिजली पैदा करना पूरी तरह से बंद कर दिया है।