Coal Crisis: क्या है कोयला संकट? क्यों मचा है हंगामा

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Coal Crisis: क्या है कोयला संकट? क्यों मचा है हंगामा? रविवार को देश में कोयला संकट को लेकर राजनीति गर्म हो गयी। एक तरफ जहां केंद्र सरकार की तरफ से दावा किया गया कि ऐसी कोई बात नहीं है, वहीं दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार इस संकट को हल्के में ले रही है। केंद्र की तरफ से कहा गया है कि कोयले की स्टॉक होल्डिंग अभी भी औसतन चार दिनों का है इस कारण चिंता की कोई बात नहीं है।

20 दिनों के कोयला भंडार की होती है जरूरत

भारत में अधिकांश पॉवर प्लांट कोयले के भंडार की कमी झेल रहे हैं। वर्तमान में भारत में कुल 135 प्लांट है। नियमों के अनुसार सभी पावर प्लांट में कम से कम 20 दिनों का कोयला भंडार होना ही चाहिए। लेकिन हाल के दिनों में इस भंडार में कमी देखने को मिल रही है। अब वो महज चार दिनों का रह गया है।
केंद्र की तरफ से कहा गया है कि कोयले की स्टॉक होल्डिंग अभी भी औसतन चार दिनों का है इस कारण चिंता की कोई बात नहीं है।

दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) की तरफ से शनिवार को लोगों से बिजली की खबत न्यायसंगत तरीके से करने की अपील की गयी थी। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया था कि देश में कोयले की कमी हो गयी है। उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में बार-बार लोड शेडिंग हो सकती है।

ऐसा क्यों हो रहा है?

गौरतलब है कि यह संकट कई महीनों से पैदा हुआ है। कोविड संकट से बाहर आती भारत की अर्थव्यवस्था में बिजली की खपत काफी अधिक बढ़ गयी है। पिछले दो महीनों में ही बिजली की खपत 2019 के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक देखने को मिल रही है। जबकि भारत का कोयला आयात सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।

केंद्र सरकार का पक्ष

केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने का बिल्कुल भी खतरा नहीं है। कोल इंडिया लिमिटेड के पास 24 दिनों की कोयले की मांग के बराबर 43 मिलियन टन का पर्याप्त कोयले का स्टॉक है। वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के.सिंह ने कहा है कि हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज़्यादा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है।

कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया।पहले की ​तरह कोयले का 17 दिन का स्टॉक नहीं है लेकिन 4 दिन का स्टॉक है। कोयले की ये स्थिति इसलिए है क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है और हमने आयात कम किया है। हमें कोयले की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी है हम इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं

दिल्ली सरकार का पक्ष

दिल्ली के Deputy CM ने मनीष सिसोदिया कहा है कि अगर केंद्र ने कोयला संकट को हल नहीं किया तो बहुत बड़ा संकट आ जाएगा। पूरे देश में कोयले की कमी है लेकिन केंद्र सरकार कह रही है कि कोयले की कोई कमी नहीं है। बिजली घरों से हमें कोयले की कमी की सूचना मिल रही है। अगर केंद्र सरकार ने कोयला संकट को हल नहीं किया तो देश के सामने बहुत बड़ा संकट पैदा हो जाएगा।

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