Hologram Statue: प्रधानमंत्री Narendra Modi ने रविवार शाम को Subhash Chandra Bose की जयंती के अवसर पर उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया है। यह प्रतिमा India Gate पर स्थापित की गई है। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। बता दें कि PM Modi ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि जब तक इंडिया गेट पर नेता जी बोस की एक प्रतिमा नहीं बन जाती है तब तक उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
होलोग्राम प्रतिमा (Hologram Statue) का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत मां के वीर सपूत, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्मजयंती पर पूरे देश की तरफ से कोटि-कोटि नमन। जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आज़ाद सरकार को स्थापित किया था, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा आज डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही है। जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी
Subhash Chandra Bose के Hologram Statue की खासियत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम को जिस होलोग्राम प्रतिमा (Hologram Statue) का अनावरण किया वो 30,000 ल्यूमेंस 4K प्रोजेक्टर द्वारा संचालित की जाएगी। बता दें कि इसके पास एक बहुत ही फायदेमंद,अदृश्य (Invisible) और 90% तक ट्रांसपेरेंट होलोग्राफिक स्क्रीन भी इस तरह से लगाई जाएगी जिससे वो आम जनता को दिखाई ना पडे़। होलोग्राम के effect को क्रिएट करने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक 3D इमेज भी लगाई जाएगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार नेता जी की इस होलोग्राम प्रतिमा की ऊंचाई 28 फुट और चौड़ाई 6 फुट है।
पीएम ने Subhas Chandra Bose Aapda Prabandhan Puraskar किए प्रदान
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 तक के सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार (Subhas Chandra Bose Aapda Prabandhan Puraskar) भी प्रदान किए । कार्यक्रम में कुल सात पुरस्कार प्रदान किए गए।
यह पुरस्कार विजेताओं को प्रदान करने के बाद उन्होंने कहा कि हमने Relief, Rescue और Rehabilitation पर जोर देने के साथ ही Reform पर भी बल दिया है। हमने NDRF को मजबूत किया, उसका आधुनिकीकरण किया, देश भर में उसका विस्तार किया। स्पेस टेक्नालजी से लेकर प्लानिंग और मैनेजमेंट तक, best possible practices को अपनाया गया
होलोग्राफी क्या है
होलोग्राम प्रतिमा या होलोग्राम, Holography तकनीक से बनाए जाते हैं। इस लिए पहले हम होलोग्राफी को जानते हैं। होलोग्राफी तकनीक की बात करें तो यह एक प्रकार के Semaphore सिस्टम से काम करती है। आसान शब्दों में कहें तो यह सूर्य की किरणों द्वारा काम करती है और इसके काम करने में दर्पण की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दर्पण को पल-पल में घुमाकर या सटर से बीम को Interrupt करके ही फ्लैश प्रोड्यूस्ड की जाती है।

Hungary के वैज्ञानिक डेनिस गैबर (Dennis Gabor) ने 1948 में होलोग्राफी टेक्नोलॉजी का आविष्कार किया था। जिसके लिए उन्हें 1971 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला था।
Hologram Technology क्या है
Hologram Technology एक 3-Dimensional Projection है। आसान शब्दों में कहें तो इससे 3D तस्वीरें दिखाई देती हैंं। खास बात यह है कि होलोग्राम को बिना किसी स्पेशल Equipment, कैमरा या ग्लास के भी देखा जा सकता है। साथ ही होलोग्राम की तस्वीरें किसी भी एंगल से देखी जा सकती हैं और इसे देखना वाला व्यक्ति जैसे-जैसे चलेगा यह उसी प्रकार से शिफ्ट होती जाएंगी।

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