कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री (PM Modi) और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक में पीएम मोदी ने राज्यों से वैट घटाने की बात कही थी , जिसके विरोध में विपक्ष ने बयानबाजी शुरू कर दी है। मौका था कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए मीटिंग का, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का मामला उठा दिया। पीएम ने तेल के बढ़े दामों के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध को बड़ा कारण बताया। युद्ध के कारण तेल की सप्लाई पर प्रभाव पड़ा है, जिससे तेल के दामों में ये उछाल आया है।

लेकिन प्रधानमंत्री (PM Modi) ने ईंधन की बढ़ी कीमतों की सारी जिम्मेदारी राज्य सरकारों के ऊपर डाल दी। पीएम ने कहा कि राज्य के सभी मुख्यमंत्री जनता को राहत देने के लिए वैट को घटाएं। राज्य सरकारों को केन्द्र सरकार के साथ आपसी तालमेल बना कर चलना चाहिए, चूंकि नवंबर में केन्द्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाई थी इसलिए सभी राज्यों को वैट घटाने के निर्देश दिए गए थे।

जिन प्रदेशों में भाजपा सरकार है वहां वैट (VAT) घटाया जा चुका है लेकिन कई राज्य इसके समर्थन में नहीं हैं जैसे तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , झारखंड ,पश्चिम बंगाल इन्होंने तेल पर वैट को नहीं घटाया जिससे लोगों पर मंहगाई की भारी मार पड़ रही है। वैट घटाने से राज्य सरकारों को राजस्व में भले ही घाटा हो सकता है लेकिन मंहगाई के इस बोझ से जनता बच सकती है। पीएम के द्वारा कहीं इन बातों के विरोध में विपक्ष अब हमले पर हमले किए जा रहा है।

PM Modi: विपक्ष ने किया पीएम पर वार
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि पीएम मोदी को पेट्रोल,डीजल पर जीएसटी लेकर आना चाहिए, आज पीएम ने स्वास्थ्य का मुद्दा छोड़ कर पेट्रोल पर बात करके। इस बैठक को राजनीतिक बैठक बना दिया। तो दूसरी ओर तेलंगाना के सीएम के.चन्द्रशेखर राव ने पलटवार करते हुए पीएम को कहा कि पेट्रोल पर वैट घटाने की बात पर “प्रधानमंत्री को शर्म आनी चाहिए”। अब कांग्रेस से लेकर टीएमसी आदि सभी विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री को घेरने में लगी हुई हैं।
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