संसदीय लोकतंत्र का हुआ ‘गृह प्रवेश’, पीएम मोदी बोले- “कई मायनों में ऐतिहासिक है ये सत्र”

Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का आगाज प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के संबोधन के साथ...

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Parliament Special Session
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Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र का आज मंगलवार (19 सितंबर) को दूसरा दिन है। केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का आगाज प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के संबोधन के साथ किया गया। अपने संबोधन में पीएम ने जी20 से भारत की साख को मिली मजबूती का जिक्र भी किया। दरअसल, इस सत्र में सरकार चार बिल पेश करेगी, जिसको लेकर संसदीय बुलेटिन में जानकारी साझा की गई थी।

नए संसद भवन के लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं इस नए संसद भवन में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। यह अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है। यह आजादी के अमृतकाल की सुबह है।” इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत की अध्यक्षता में G20 का असाधारण आयोजन, विश्व में इच्छित प्रभाव के अर्थ में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल करने वाला एक अवसर बना।’

इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज आधुनिक भारत और हमारे लोकतंत्र के प्रतीक नए संसद भवन का शुभारंभ हुआ है। सुखद संयोग है कि आज गणेश चतुर्थी का शुभ दिन है। इस पावन दिवस पर हमारा ये शुभारंभ संकल्प से सिद्धि की ओर एक नए विश्वास के साथ यात्रा आरंभ करने का है। पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जब हम नए संसद भवन में प्रवेश कर रहे हैं, जब संसदीय लोकतंत्र का ‘गृह प्रवेश’ हो रहा है, तब यहां पर आज़ादी की पहली किरण का साक्षी है और जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा – पवित्र सेंगोल – ये वो सेंगोल है जिसको भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने छुआ है। इसलिए हमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण अतीत से जोड़ता है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘अभी चुनाव तो दूर है,और जितना समय हमारे पास बचा है मैं पक्का मानता हूं कि यहां जो व्यवहार होगा ये निर्धारित करेगा कि कौन यहां बैठने के लिए व्यवहार करता है और कौन वहां बैठने के लिए व्यवहार करता है।’ इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि आज संवत्सरी भी मनाई जाती है, यह एक अद्भुत परंपरा है। आज वह दिन है जब हम कहते हैं ‘मिच्छामी दुक्कड़म’, इससे हमें किसी ऐसे व्यक्ति से माफी मांगने का मौका मिलता है, जिसे हमने जानबूझकर या अनजाने में ठेस पहुंचाई है। मैं संसद के सभी सदस्यों और देश की जनता से भी ‘मिच्छामी दुक्कड़म’ कहना चाहता हूं।

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