पीएनबी घोटाले मामले में एक के बाद एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां देश में सरकार और बैंक अपने पैसे पाने के लिए जद्दोजहद कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ नीरव मोदी और उसकी कंपनियां विदेशों में कुछ नई चालें चलने में लगी हैं। खबरों के मुताबिक, नीरव मोदी की फ्लैगशिप कंपनी फायरस्टार डायमंड इंक ने अमेरिका में दिवालिया घोषित किए जाने की अर्जी दी है। सोमवार को न्यूयॉर्क के बैंकरप्सी कोर्ट में कंपनी के डायरेक्टर मिहिर भंसाली की तरफ से अर्जी दायर की गई। इसमें नीरव मोदी का नाम नहीं है। नीरव इस कंपनी के जरिए इंटरनेशनल बिजनेस करता है। कंपनी ने अर्जी देते हुए बताया है कि उसकी कुल संपत्ति (असेट और लाएबिलिटी) 320 करोड़ रुपये से 650 करोड़ रुपये के दायरे में है। कंपनी ने अमेरिका में बैंकरप्सी नियम के चैप्टर 11 के तहत दिवालिया घोषित किए जाने की अर्जी दी है।
वहीं दूसरी ओर एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) अमेरिका सहित 6 विदेशी लोकेशंस पर उनकी संपत्ति कुर्क करने की तैयारी कर रहा है। ईडी नीरव के लिए गैर-जमानती वॉरंट भी इश्यू करने जा रहा है। इस बीच, सीबीआई ने कहा है कि पीएनबी को 1.251 करोड़ के फ्रेश एलओयू का पता चला है, जो गीतांजलि ग्रुप की कंपनियों से जुड़े हैं। इससे घोटाले की कुल रकम बढ़कर 12,636 करोड़ रुपये पहुंच गई है।
बता दें कि लिक्विडिटी और सप्लाई चेन की समस्या को दिवालिया की वजह बताया गया है। नीरव और उसके मामा मेहुल चौकसी पर 12,717 करोड़ के घोटाले का आरोप है। भारत में इनके बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं। इनके स्टोर्स से 6,000 करोड़ के हीरे, सोना और ज्वैलरी जब्त किए गए हैं। जिन बैंकों ने नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड को लोन दिया उसमें पीएनबी के अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (194 करोड़), देना बैंक (153.25 करोड़), विजया बैंक (150.15 करोड़), बैंक ऑफ इंडिया (127 करोड़), सिंडिकेट बैंक (125 करोड़), ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (120 करोड़), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (110 करोड़) व इलाहाबाद बैंक, आईडीबीआई बैंक 100 करोड़ प्रत्येक शामिल है।