NEET PG Counselling: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को मेडिकल पीजी कोर्स दाखिले के लिए OBC और EWS आरक्षण के मामले पर सुनवाई हुई। जिसके बाद NEET PG आरक्षण मामले पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल तक इस मामले पर पक्षकार अपना लिखित जवाब दाखिल कर सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले 5 जनवरी को याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि NEET PG Counselling मामले में केंद्र सरकार की ताजा रिपोर्ट आय सीमा को ‘जस्टिफाई’ करती है, 2019 में आय तय किए जाने से पहले कोई अध्ययन नहीं किया गया था।
गौरतलब है कि मामले में कोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद ही काउंसलिंग शुरू की जा सकेगी। SG तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद केन्द्र ने आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए 8 लाख की अधिकतम आय सीमा को जांचने के लिए 3 सदस्य कमेटी का गठन किया।
NEET PG Counselling: SG तुषार मेहता ने रखा सरकार का पक्ष
NEET PG आरक्षण मामले में केंद्र की तरफ से SG तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि याचिककर्ताओं की दलील ग़लत है। यह आरक्षण पहली बार नहीं दिया जा रहा। साल 2006 से केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था। जनवरी 2019 से 27 प्रतिशत OBC, 10 प्रतिशत EWS आरक्षण किया गया था।
SG ने कहा केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इसी के तहत एडमिशन हो रहे हैं। UPSC मे भी परीक्षा इसी आरक्षण के आधार पर हो रही है। NEET PG के लिए याचिकाकर्ताओं के विरोध का कोई औचित्य नहीं बनता। यह भेदभावपूर्ण होगा यदि इसे NEET PG में लागू न किया जाए।
बता दें कि आज फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने OBC की पहचान और ईडब्लूएस तबके के आकलन में कमियों पर पक्ष रखते हुए कहा कि EWS के लिए आय सीमा 8 लाख की बजाय 5 लाख रुपए सालाना रखी जाए। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने SG से पूछा कि पहले हलफनामे में जहां आपने कहा था कि 8 लाख का मानक सही है क्योंकि 8 लाख की सीमा OBC की क्रीमी लेयर पर आधारित है।
NEET PG Counselling: क्या है पूरा मामला?
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और चिकित्सा परामर्श समिति (MCC) के 29 जुलाई के नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इस नोटिफिकेशन में अखिल भारतीय कोटा के लिए तय 50 प्रतिशत सीटों में से NEET PG मेडिकल प्रवेश परीक्षा OBC के लिए 27 प्रतिशत और EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
बताते चलें कि केंद्र सरकार ने जुलाई में राज्यों के मेडिकल/डेंटल कॉलेजों के ऑल इंडिया कोटे में OBC और EWS को आरक्षण देने का फैसला लिया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि इस फैसले से हर साल करीब 1,500 OBC छात्रों को MBBS में और 2,500 OBC छात्रों को PG में लाभ होगा। जबकि EWS कैटगरी के 550 छात्रों को MBBS में और करीब 1,000 छात्रों को PG में फायदा मिलेगा।
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