National Herald Case: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ED ने एक नया समन भेजा है। जिसमें उन्हें पूछताछ के लिए 13 जून को शामिल होने के लिए कहा गया है। बता दें कि इससे पहले राहुल को कल 2 जून को बुलाया गया था लेकिन राहुल ने कुछ और समय की मांग की थी। दरअसल राहुल गांधी विदेश यात्रा पर हैं। वह 22 और 23 मई को लंदन एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे।
राहुल गांधी अभी तक भारत नहीं लौटे हैं। उनके 5 जून को वापस भारत आने की उम्मीद जताई गई है। उनके द्वारा पूछताछ के लिए कुछ और समय की मांग करने के चलते उन्हें 13 जून को पेश होने का समय दिया गया है। बता दें कि इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी समन भेजा गया है। ईडी ने पूछताछ के लिए उन्हें 8 जून को बुलाया है।
National Herald Case: क्या है मामला?
मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस को विस्तार से समझे तो 1938 में पंडित जवाहर लाल नेहरू की अगुआई में एक कंपनी की शुरूआत की गई थी। जिसका नाम असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) था। इसके द्वारा एक अखबार शुरु किया गया था। कंपनी ने नेशनल हेरल्ड नाम से अंग्रेजी, कौमी आवाज नाम से उर्दू और नवजीवन नाम से हिंदी में अखबार निकालना शुरू किया। इस पर किसी भी एक व्यक्ति का अधिकार नहीं था। आजादी के बाद ये अखबार कांग्रेस के मुखपत्र बन गए थे।
इस कंपनी के पास दिल्ली, पंचकुला, पटना, लखनऊ और मुंबई में जमीनें थी। लेकिन हालात ठीक नहीं होने के चलते इस कंपनी को 2008 में बंद कर दिया गया था। उसपर कांग्रेस पार्टी का 90 करोड़ रुपये का कर्ज था। 2010 में इस कंपनी को कांग्रेस की यंग इंडियन लिमिटेड ने खरीद लिया था। जानकारी मुताबिक यह कंपनी 5 लाख की राशि के साथ शुरू की गई थी और आज उसके पास 800 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इस कंपनी में सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं बच्चे हुए हिस्से 24 फीसदी पर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा की हिस्सेदारी और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। जिनकी अब मौत हो चुकी है। 2012-13 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी पूरे मामले को लेकर अदालत में चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि यंग इंडिया लिमिटेड द्वारा AJL का अधिग्रहण गैरकानूनी तौर पर हुआ है।
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