‘पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को, उनके मुकद्दर के पन्ने कभी कोरे नही हुआ करते।’
किसी ने ठीक ही कहा है कि मेहनत ही सफलता की पूंजी होती है और आप अपनी मेहनत से असंभव को भी संभव बना सकते हैं। कुछ ऐसा ही कारनामा मुरादाबाद के रजत कुमार सिंह ने कर दिखाया है। रजत ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से पहले ही प्रयास में ऐसा मुकाम हासिल किया है जिससे आज पूरा देश, रजत पर गौरान्वित महसूस कर रहा हैं। अपनी सकारात्मक सोच और कभी ना हार मानने वाली इच्छाशक्ति से मुरादाबाद निवासी रजत कुमार सिंह अब अंतरिक्ष की ऊंचाई नापेंगे। रजत आईआईटी दिल्ली के मकैनिकल ट्रेड से एमटेक के स्टूडेंट हैं। आपको सुनकर शायद अचंभा होगा कि रजत कुमार सिंह ने अपने पहले ही प्रयास में, इसरो के ऑल इंडिया मकैनिकल ट्रेड एग्जाम को क्लीयर करने के साथ-साथ इस एग्जाम में टॉप भी किया है।
परिवारजनों ने मनाया जश्न-
रजत मूल रूप से बिहार स्थित छपरा के सिताबदियारा निवासी हैं। रजत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लाला टोला के विद्यालय से हासिल की हैं। शायद इस बात से बहुत ही कम लोग परिचित होंगे कि इसी विद्यालय से लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। रजत ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय, अपने पिता समान चाचा को दिया। रजत का परीक्षा परिणाम शनिवार को घोषित हुआ था। रजत के एग्जाम टॉप करने की खबर सुनकर मुरादाबाद स्थित बुद्धि विहार कॉलोनी में बधाई देने वालों का तांता लग गया। इसके साथ ही रजत के दादा और चाचा ने भी इस खुशी का जश्न धूम-धाम से मनाया।
परीक्षा में प्राप्त किये 89 फीसदी अंक –
इसरो द्वारा आयोजित इस परीक्षा में, तकरीबन साढ़े तीन लाख युवाओं ने हिस्सा लिया था। उन सभी परिक्षार्थियों को पछाड़ कर, रजत ने लगभग 89 फीसदी अंक हासिल किये थे जो वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं। रजत ने अपने इंटरव्यू में सभी सवालों के जवाब बेहद ही सजगता के साथ दिए। रजत के जवाबो ने साक्षात्कारकर्ता को भी, तारीफ करने के लिए विवश कर दिया था। अपने तेज दिमाग और बुद्धिमत्ता की वजह से रजत ने अपने सभी प्रतिद्वंदियों को परीक्षा में पीछे छोड़ दिया।
इसरो देगा रजत को रिसर्च प्रोजेक्ट से जुड़ने का मौका-
रजत अपनी सफलता का श्रेय अपने चाचा मनोज कुमार सिंह को देते हैं। रजत के चाचा ने कभी भी रजत को उनके पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। साथ ही पिता के सभी फर्ज बखूबी निभाए। आज पूरा देश रजत की काबिलियत पर गर्व महसूस कर रहा है। रजत को इसरो की ओर से अंतरिक्ष विज्ञान समझने के साथ-साथ वहां ट्रेनिंग करने का भी मौका दिया जाएगा। इस ट्रेनिंग के दौरान रजत को वहां कई रिसर्च प्रॉजेक्ट से जुड़ने का मौका दिया जाएगा।