Mohan Bhagwat: रामचरितमानस विवाद के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जाति व्यवस्था पर एक बड़ा बयान दिया है। दरअसल, मुंबई में मोहन भागवत संत रविदास की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इ्स दौरान उन्होंने कहा कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है बल्कि जाति पंडितों ने बनाई है। मोहन भागवत का यह बयान अब देश में चर्चा का विषय भी बन गया है। उनके इस बयान पर नेताओं से लेकर आम लोगों की कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
Mohan Bhagwat: भगवान के लिए सभी हैं एक- संघ प्रमुख
रविवार को मुंबई में संत रविदास की जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी आमंत्रित किए गए थे। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत में जाति व्यवस्था पर अपना बयान दिया। मोहन भागवत ने कहा “भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं। उनमें कोई जाति या वर्ण नहीं है लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई जो कि गलत था।” उन्होंने आगे कहा “देश में विवेक, चेतना सभी एक है। उसमें कोई अंतर नहीं बस मत अलग-अलग हैं।”
दूसरों ने उठाया समाज के बंटवारे का फायदा- मोहन भागवत
अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा “हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया है। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आए लोगों ने फायदा उठाया।” भागवत ने पूछा कि हिन्दू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई पंडित नहीं बता सकता, आपको समझना होगा। उन्होंने आगे कहा “हमारे आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया।”
वहीं, रविदास जयंती पर मोहन भागवत ने कहा “संत रविदास की जयंती पर मुझे कुछ बोलने का मौका मिला है यह मेरा भाग्य है। संत रविदास ने कहा है कि कर्म करो, धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज की उन्नति के लिए काम करना यही धर्म है। सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है।”
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