Mohan Bhagwat: रविवार को इंफाल के पूर्वी जिले में आरएसएस ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की 125वीं जयंती समारोह का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख महोन भागवत (Mohan Bhagwat) भी उपस्थित हुए। उन्होंने नेताजी को याद करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस साहस, राष्ट्रवाद, समर्पण और निस्वार्थ बलिदान के प्रतीक हैं। मोहन भागवत ने कहा कि नेता जी अंग्रेजों की सेना में शस्त्र चलाना सीखा और जो भारतीय लोग आंग्रेजी सेना में लड़े थे उनमें देश भक्ति की आग जगाई। उन्होंने पराक्रमी अंग्रेजी सत्ता को चुनौती दी। यहां आकर स्वतंत्र भारत की घोषणा भी उन्होंने ही की थी।

मोहन भागवत ने कहा कि इस वर्ष जयंती का उत्सव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की आजादी के 75वें वर्ष के साथ मेल खाता है। जिसके लिए बोस ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने जीवन का बलिदान दिया था। इस आजादी के लिए बोस ने एक सेना खड़ी की और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। भागवत ने कहा कि नेताजी साहस, राष्ट्रवाद, समर्पण और निस्वार्थ बलिदान के प्रतीक हैं। नेताजी का जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। हम नेताजी नहीं हो सकते, हम उनके जैसा बनने की कोशिश कर सकते हैं। इससे व्यक्ति, राष्ट्र और सभी का भला होगा। देश को हमेशा विकास और विकास के लिए उनके जैसे व्यक्ति की जरूरत होती है। उनकी दूरदर्शिता का पालन करना और राष्ट्रवाद, एकता और बलिदान की भावना पैदा करना नेताजी को वास्तविक स्मरण और श्रद्धांजलि होगा।
मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर हैं Mohan Bhagwat
बता दें कि कार्यकर्ता बैठक के लिए चार दिवसीय दौरे पर मणिपुर में मौजूद आरएसएस प्रमुख ने बोस को पुष्पांजलि अर्पित की। समारोह के दौरान युद्ध नायकों मोइरंग कोइरेंग और हेमन नीलामणि के परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। भारतीय राष्ट्रीय सेना और बोस के जीवन की एक फोटो गैलरी भी प्रदर्शित की गई थी।
वहीं बिष्णुपुर जिले के मोइरंग में लोगों ने बोस को उनकी 125 वीं जयंती पर भारतीय राष्ट्रीय सेना शहीद स्मारक परिसर में समृद्ध श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां अप्रैल को बहादुर समूह के कमांडर कर्नल सौकत हयात मलिक ने पहली बार आईएनए ध्वज फहराया था।

पीएम मोदी ने किया नेता जी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण
गौरतलब है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। होलोग्राम प्रतिमा एक प्लेसहोल्डर है जब तक कि साइट पर ग्रेनाइट की मूर्ति स्थापित नहीं हो जाती। उद्घाटन समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधित किया। इस अवसर पर मोदी ने कहा था कि यह एक ऐतिहासिक स्थान और एक ऐतिहासिक अवसर है। नेताजी ने अंग्रेजों के सामने झुकने से इनकार कर दिया। उनकी प्रतिमा लोकतांत्रिक मूल्यों और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। हमें नेताजी की ‘कर सकते हैं, करेंगे’ की भावना से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना होगा।
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