जर्मनी के हैम्बर्ग में हो रहे G-20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने अपने समकक्ष ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे से भारत के आर्थिक अपराधियों के बारे में बातचीत की। उन्होंने उनसे उन भारतीय भगोड़ों को सौंपने का आग्रह किया जो भारत को आर्थिक नुकसान पहुंचाकर ब्रिटेन भाग गए हैं। जैसा कि मालूम है कि भारतीय मूल का कारोबारी विजय माल्या भारत के बैंकों से 9000 करोड़ रूपए का लोन लेकर बिना चुकाए ब्रिटेन भाग गया है। इस घटना से मोदी सरकार पर खासा दबाव है और मोदी सरकार ने भारतीय जनता से वादा भी किया है कि वह सभी भगोड़ों को वापस लाकर उनपर उचित कार्रवाई करेगी। इसी प्रयास के मद्देनजर सम्मेलन में पीएम मोदी ने थेरेसा मे से सहयोग करने की बात कही। उनका यह प्रयास कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

बता दें कि मोदी सरकार कई महीनों से भारत को आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले भगोड़ों को पकड़ने की प्लानिंग बना रही है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसने काफी सराहनीय प्रयास भी किए हैं किंतु अभी तक उसने कोई कामयाबी नहीं पाई है। माल्या के अलावा भी भारत के कई और मोस्ट वॉन्टेड ब्रिटेन के शरण में हैं। आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी भी ब्रिटेन में रह रहे हैं। गुलशन कुमार हत्याकांड में शामिल नदीम सैफी भी ब्रिटेन में है।

वहीं कुछ दिन पहले ब्रिटेन में माल्या पर चल रहे मुकदमे में माल्या के वकील ने भारतीय जेल के खराब होने का बहाना बनाया। भारत में वापस न लौटने के लिए माल्या इसी तरह की कोई न कोई रणनीति सोच रहा है। भारत वापसी पर माल्या को मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में रखा जाएगा। माल्या के इस प्रकार के आरोपों से बचने के लिए भारतीय प्रशासन भी सतर्क हो गया है और उसने जेलों की स्थिति का जायजा भी लिया।

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